उफ! दुष्कर्म से किशोरी बनी गर्भवती, अब पड़े जान के लाले
किशोरी दुष्कर्म का शिकार हुई और फिर गर्भवती हो गई। हैरानी की बात यह है कि शौहर के कृत्य में पत्नी भी सहभागी बनी। पुलिस किशोरी का उचित उपचार कराने को तैयार है।
मुरादाबाद, जेएनएन। महज 14 साल की उम्र में उसने सारे सितम झेल लिए। दो वक्त की रोटी के लिए व्यापारी के घर खाना बनाने गई तो हवस का शिकार हो गई। बिना ब्याह के आठ माह की गर्भवती हुई तो डाक्टरों ने जान का खतरा बता दिया। पुलिस अस्पताल में भर्ती कराना चाहती है, जबकि परिवार ने इन्कार कर दिया। किशोरी की हालत गंभीर होने पर पुलिस के हाथ पांव फूल रहे हैं। निजी अस्पताल में उसका चेकअप कराने के बाद डिलीवरी की डेट निश्चित हो गई। डाक्टरों ने बच्चा और मां दोनों की हालत को खतरा बताया है।
पति की करतूत में पत्नी भी सहयोगी
पाकबड़ा की डबल स्टोरी में रहने वाले व्यापारी नरेश सक्सेना के घर पर वहां की रहने वाली किशोरी अपनी बहन के साथ काम करती थी। किशोरी का आरोप है कि नरेश सक्सेना ने पत्नी गीता के साथ मिलकर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। किशोरी गर्भवती हुई तो पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया। किशोरी की ओर से दस अगस्त को दंपती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। दोनों आरोपित जेल में हैं।
जनवरी में होगी किशोरी की डिलीवरी
विवेचना करती महिला थाना प्रभारी रजनी द्विवेदी ने दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट तथा गर्भपात गिराने की धमकी देने का आरोप सही पाते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी जिसमें 16 गवाह बनाए हैं। विवेचक रजनी द्विवेदी के साथ कई पुलिसकर्मी और डॉक्टर भी शामिल हैं। किशोरी आठ माह की गर्भवती हो चुकी है, डाक्टरों ने उसकी डिलीवरी की डेट भी जनवरी में फिक्स कर दी है। निजी अस्पताल में किशोरी का चेकअप कराया गया, जिसमें गर्भ में पल रहे बच्चे और किशोरी की जान को खतरा बताया है। पुलिस किशोरी को डिलीवरी तक हॉस्पिटल में भर्ती कराना चाह रही है, जबकि परिवार के लोगों ने इन्कार कर दिया है।
पीड़िता को डॉक्टरों की निगरानी रखेगी पुलिस
शुक्रवार को पाकबड़ा पुलिस और महिला उत्थान केंद्र की पैरवी सैल प्रभारी ज्योति सिंह पीडि़ता को घर से जबरन ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराएंगी। एसएसपी जे रविंद्र गौड ने बताया कि पीडि़त महिलाओं के मेडिकल का करार एक हॉस्पिटल से हुआ है। ऐसे में किशोरी का उपचार भी हॉस्पिटल में चल रहा है। मेडिकल चेकअप में किशोरी की जान को खतरा बताया है। ऐसे में किशोरी को डिलीवरी तक अस्पताल में भर्ती कराकर डाक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा।