एक साथ तीन जिलों में नौकरी करने वाले गुरुजी पर अमरोहा में मुकदमा
Teacher sued एक ही नाम पर तीन जिलों में शिक्षक और लेखपाल पद पर कार्यरत फर्जीवाड़े के आरोपी शिक्षक पर रिपोर्ट हो गई है।
अमरोहा, जेएनएन। एक ही नाम पर तीन जिलों में शिक्षक और लेखपाल के पद पर कार्यरत फर्जीवाड़े के आरोपित गुरुजी के खिलाफ 16 दिन बाद आखिरकार पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी ने प्रकरण में संज्ञान लेते हुए पुलिस को फटकार लगाई, इसके बाद आननफानन में मुकदमा दर्ज किया गया।
17 वर्षों से अमरोहा व बदायूं में शिक्षक और सम्भल में लेखपाल का वेतन ले रहे फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड गुरुजी आखिरकार कानूनी शिकंजे में फंस गए हैं। दैनिक जागरण द्वारा मामले को उठाने के बाद जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। उन्होंने खुद नौगावां सादात थाने में फोन कर फर्जी गुरुजी के खिलाफ तहरीर मिलने के बावजूद मुकदमा दर्ज न करने पर इंस्पेक्टर को फटकार लगाई। इसके बाद आननफानन में पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है अमरोहा ब्लाक के गांव अदलपुर के प्राथमिक विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापक तैनात हर प्रसाद सम्भल में लेखपाल के पद पर भी नौकरी कर रहे हैं। इतना ही नहीं उसने फर्जी तरीके से बदायूं जनपद के गांव रैपुरा के प्राथमिक विद्यालय में भी अध्यापक के पद पर तैनाती पा ली थी। वह एक साथ तीन-तीन जिलों से वेतन ले रहे थे। प्रकरण की शिकायत होने पर जांच हुई तो बदायूं के बीएसए ने उन्हें 11 जून को बर्खास्त कर दिया था। इसी तरह की शिकायत मिलने पर अमरोहा के बीएसए गौतम प्रसाद ने भी प्रकरण की जांच कराई। आरोप सही पाए जाने पर उन्होंने हर प्रसाद को बर्खास्त करने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी मुकेश को उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। नौगावां सादात पुलिस 16 दिनों से तहरीर दबाए बैठी थी। दैनिक जागरण ने जब इस प्रकरण को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो जिलाधिकारी ने पुलिस को फटकार लगाई। इसके बाद पुलिस ने आननफानन में एफआइआर दर्ज कर कर विवेचना शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर आरपी शर्मा ने बताया प्रकरण की एफआइआर दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी गई है।
विभागीय अफसरों पर भी लटकी तलवार
जानकारों की मानें तो विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर कोई व्यक्ति एक साथ तीन जनपदों में नौकरी कर ही नहीं सकता। हर प्रसाद की सम्भल में लेखपाल के पद पर तैनाती है। लेखपाल के पास कई काम होते हैं, जिसके चलते उसे तहसील में मौजूद रहना पड़ता होगा। ऐसे में अमरोहा व बदायूं में वह पढ़ाने कैसे पहुंचता होगा। स्पष्ट है कि उसकी तीनों जनपदों में लगातार उपस्थिति भी फर्जी तरीके से दर्ज हो रही होगी। एसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया प्रकरण की बारीकी से विवेचना कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसे जेल भेजा जाएगा।