बच्चों की सेहत का रखें ख्याल, सर्दी न कर दे बेहाल Rampur news
डिब्बा बंद दूध देने के बजाय मां अपना दूध पिलाएं। मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार है।
रामपुर, जेएनएन। इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इतनी सर्दी शायद पिछले एक दशक में भी नहीं पड़ी थी। ऐसे में छोटे बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत है। अगर आपके बच्चे की सांस तेज चल रही है। वह ठीक से दूध नहीं पी रहा। रात में ठीक से सो नहीं पाता है। बेचैन रहता है तो यह संकेत बच्चे की सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं। बच्चा ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों का इंफेक्शन) बीमारी से पीडि़त हो सकता है। लापरवाही न करें और उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
एक साल तक के बच्चों का रखें विशेष ध्यान
सर्दियों में दो माह से साल भर के बच्चों को यह बीमारी तेजी से जकड़ रही है। इसके अलावा दो साल तक के बच्चे ठंड में निमोनिया के शिकार बन रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मौसम में छोटे बच्चों का खास ख्याल रखना चाहिए। यही वजह है कि हेल्दी सीजन होने के बावजूद इन दिनों बाल रोग विशेषज्ञों के क्लीनिक पर रोजाना 100 से ज्यादा बीमार बच्चे आ रहे हैं। इनमें ज्यादातर ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया से पीडि़त हैं।
दस डिग्री से नीचे तापमान में ज्यादा बीमार होते हैं बच्चे
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. फहीम अहमद बताते हैं कि वैसे तो सर्दी के मौसम में बच्चों को खांसी और जुकाम की शिकायत आम बात है लेकिन, जब तापमान 10 डिग्री से नीचे आ जाए तो ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। इस तापमान में नए जन्मे बच्चों में हाइपोथर्मिया होने का खतरा बढ़ जाता है। बच्चे का शरीर ठंडा और नीला पडऩे लगता है। इसके अलावा इस मौसम में रोटा वायरस बच्चों पर अटैक करता है। इससे बच्चे को डायरिया की शिकायत होने लगती है। ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए गर्म कपड़ों से ढककर रखें। बच्चे को मां का दूध पिलाएं उसमें 400 से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चे को बीमारी से लडऩे में मदद करते हैं।
सर्दी से बचाने के लिए करें ये उपाय
1- बच्चों को गर्म कपड़ों से ढककर रखें
2- बच्चों को गीला न होने दें। उनके डाइपर बदलते रहें।
3- बच्चों को लेकर बाहर न घूमें। रात्रि में होने वाली पार्टियों में कतई न ले जाएं
4- गुनगुना पानी पीने को दें।
5- बच्चे को केवल मां का दूध पिलाएं।
6- दूध के अलावा दलिया, दाल का पानी दें।
7- घर में संक्रमित व्यक्ति से बच्चे को दूर रखें।