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मुरादाबाद में लालपरी और महकता आंचल के नशे में मदहोश हो रहे छात्र

पंजाब की तरह मुरादाबाद के युवाओं की नसों में भी नशा घर कर चुका है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 03:04 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 06:27 AM (IST)
मुरादाबाद में लालपरी और महकता आंचल के नशे में मदहोश हो रहे छात्र
मुरादाबाद में लालपरी और महकता आंचल के नशे में मदहोश हो रहे छात्र

मुरादाबाद : पंजाब की तरह मुरादाबाद के युवाओं की नसों में भी नशा घर कर चुका है। नशे के इस धधे में महिलाओं के आने से इसकी बिक्री भी दोगुनी हो चुकी है। छात्र-छात्राओं को चरस की पुडि़या लालपरी और महकता आंचल के नाम से बेची जाती है। लालपरी की कीमत 150 तो वहीं महकता आंचल की कीमत 300 रुपये है। झारखंड व उत्तराखंड से आ रही इस चरस की खुलेआम पान मसाले एवं गुटखे की आंड़ में बिक्री हो रही है। चरस को करूला, सम्भल पुल के नीचे, जयंतीपुर, आदर्श कॉलोनी में फुटकर में बेचा जा रहा है।

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वाट्स-एप मैसेज पर मुहैया होती है पुड़िया

इंस्पेक्टर शक्ति सिंह ने बताया कि वाट्स-एप मैसेज पर चरस की पुडि़या मुहैया होती है। दोनों महिलाओं ने अपने मोबाइल नंबर ग्राहकों को दे रखे हैं। पेटीएम के द्वारा रकम भी उनके पास पहुंच जाती है। इस धंधे से जुड़ी बाकी तीन महिलाओं की तलाश की जा रही है।

देहात से लेकर शहर तक फैला है नेटवर्क

नशे के धंधे को बंद करने के लिए कई बार सामाजिक संगठनों ने आवाज उठाई, महिलाओं ने प्रदर्शन भी किए। लेकिन देहात के ठाकुरद्वारा से लेकर शहर के कई इलाकों में नशे का धंधा बदस्तूर जारी है। फरवरी 2018 में पुलिस इस धधे में शामिल ठाकुरद्वारा से सलीम और उसके बेटे नावेद को भी पकड़ चुकी है। जो कोबरा गैंग के साथ नशे का धंधा कर रहे थे। वहीं जयंतीपुर से लेकर कटघर थाना क्षेत्र में भी चरस के सप्लायर पकड़े जा चुके है।

शिक्षण संस्थानों के बाहर बनाया ठिकाना

महानगर में शिक्षण संस्थानों के बाहर ढाबों, छोटी दुकानों, पान की दुकानों पर नशे का सामान खुलेआम मिलता है। सरकारी आकड़ों के अनुसार पंद्रह प्रतिशत लोग स्मैक और चरस का नशा करते हैं। कुछ साल पहले तक नशे के कारोबार की बागडोर महानगर के कुख्यात तस्कर साबिर कालिया ने संभाल रखी थी। वह नेपाल के रास्ते चरस लाकर शहर और ग्रामीण इलाकों में बिक्री करता था। उसके बाद नासिर और सुहेल ने सप्लाई शुरू कर दी। नासिर को बढ़ता देख साबिर के गुर्गो ने उसकी हत्या कर दी। इसी बीच सट्टा किंग जुल्फिकार उर्फ बिट्टू ने धंधे की बागडोर संभाल ली। बिट्टू के किनारा करने के बाद नफीसा ने धंधे को संभाला। उसके बाद अब सोनू और सीमा ने सप्लाई शुरू कर दी। दोनों ही महिलाओं ने इस धंधे में अपनी अच्छी पैठ ली है। नशे का यह नेटवर्क पूरे मंडल में फैला हुआ है।

अभियान चलाकर की जाएगी कार्रवाई : उप महानिरीक्षक

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नशे के धंधे पर पूरी तरह अंकुश लगाने के आदेश दिए हैं, किसी पुलिसकर्मी के शामिल होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी थाना स्तर पर नशे के धंधे पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। इस धंधे से जुड़ी महिलाओं को भी बख्शा नहीं जा रहा है।

जे रविन्दर गौड, उप महानिरीक्षक

बच्चों की प्रवृत्ति पर रखें नजर : डॉ. विशेष गुप्ता

महानगर में फैला नशा छात्रों को संस्कारों से अलग कर रहा है। पुलिस के अलावा सामाजिक संस्थाओं को भी इस धंधे की जड़ों को उखाड़ना होगा। साथ ही अभिभावकों को भी चाहिए कि अपने बच्चों की प्रवृत्ति पर नजर रखें। ताकि युवा गलत आदतों से दूर रह सकें। डॉ. विशेष गुप्ता, अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग नशे की सौदागर सोनू और सीमा गिरफ्तार

सिविल लाइन पुलिस ने आदर्श कालोनी से नशे की सौदागर सोनू और सीमा को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के कब्जे से आधा किलो से ज्यादा चरस बरामद की है। महिलाएं झारखंड और उत्तराखंड से चरस की सप्लाई लाकर स्कूल कॉलेजों के बाहर सप्लाई करती थी। बाकायदा पुडि़या बनाकर छात्र एवं छात्राओं को चरस बेची जाती है। महिलाओं ने पूछताछ के दौरान अन्य तीन महिलाओं के नाम भी बताए है। पुलिस उनकी तलाश में दबिश डाल रही है।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर डीआइजी ने दबाव बनाया तो पुलिस हरकत में आ गई। सिविल लाइन के आदर्श कालोनी में पिछले छह माह से चरस सप्लाई का धंधा कर रही दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई महिलाएं सोनू पत्‍‌नी सतपाल और सीमा पत्नी सूरज है, दोनों के कब्जे से आधा किलों से ज्यादा चरस बरामद की गई। एसएसआइ सुनील चौधरी ने बताया कि महिलाओं ने अपना पूरा गैंग तैयार किया हुआ है, जो शहर के प्रमुख स्कूल और कॉलेजों के छात्रों को चरस की सप्लाई देती है। महिलाओं ने स्कूल कॉलेजों के बाहर भी 100 से अधिक ग्राहक बना रखे है, जो हर सप्ताह चरस की सप्लाई लेते है। साथ ही घर से भी कुछ सप्लाई जाती है। महिलाओं के पास चरस झारखंड और उत्तराखंड से आती है। इंस्पेक्टर शक्ति सिंह ने बताया कि महिलाएं पहले अपने पति सतपाल ओर सूरज के साथ मिलकर काम करती थी। उसके बाद दोनों ने धंधे को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है। महिलाओं ने तीन अन्य महिलाओं के नाम भी बताए है, जिनकी धरपकड़ पुलिस कर रही है। सवाल यह है कि छह माह से अधिक समय सप्लाई को बीतने के बाद पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी पहले क्यों नहीं की? संदेह जताया जा रहा है कि चौकी की पुलिस के महिलाएं संपर्क में रहती है। यही कारण है कि इंस्पेक्टर ने एसएसआइ के नेतृत्व में टीम का गठन कर नशे के धंधे में जुड़ी महिलाओं की गिरफ्तारी की है। उसके अलावा अगवानपुर के आशीष को भी पुलिस ने 260 ग्राम चरस के साथ दबोच कर जेल भेज दिया।


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