Move to Jagran APP

उर्दू में भाषण देकर सुषमा स्वराज ने जीत लिया था मुसलमानों का दिल Rampur News

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भाषा की भी धनी थीं। उन्हें ङ्क्षहदी अग्रेजी उर्दू समेत दक्षिण भारत की कई भाषाओं का ज्ञान था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 10:07 AM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 10:20 AM (IST)
उर्दू में भाषण देकर सुषमा स्वराज ने जीत लिया था मुसलमानों का दिल Rampur News
उर्दू में भाषण देकर सुषमा स्वराज ने जीत लिया था मुसलमानों का दिल Rampur News

मुस्लेमीन, (रामपुर) : पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भाषा की भी धनी थीं। उन्हें ङ्क्षहदी, अग्रेजी, उर्दू समेत दक्षिण भारत की कई भाषाओं का ज्ञान था। सिर्फ ज्ञान ही नहीं बल्कि उस पर अच्छी पकड़ भी थी। यही कारण है कि वह जहां भी भाषण देने जाती थीं तो स्थानीय लोगों को भांपकर उनकी ही भाषा में बोलतीं थी। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी जब भी रामपुर से चुनाव लड़े, तब वह यहां जरूर आईं। यहां पर उन्होंने उर्दू में भाषण देकर मुसलमानों का दिल जीत लिया था। 

loksabha election banner

1998 में प्रचार के लिए आईं थी रामपुर

 

सुषमा स्वराज रामपुर में सबसे पहले 1998 के लोकसभा चुनाव में आई थीं। तब केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। नकवी बताते हैं कि सुषमा स्वराज ने 1उनके चुनाव प्रचार के लिए किले के मैदान और मिलक में जनसभा को संबोधित किया था। इसके बाद 19 सितंबर 1999 को भी रामपुर आईं और किले के मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उनकी यह जनसभा यादगार बन गई। रामपुर मुस्लिम बहुल शहर है। इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपना भाषण उर्दू में दिया था। उनका भाषण सुनकर किले के आसपास के तमाम मुसलमान भी जनसभा में पहुंच गए थे। रामपुर को गंगा जमुनी तहजीब का शहर बताते हुए भाजपा का साथ देने पर जोर दिया था। इस जनसभा में रामपुर शिया औकाफ के सदर रहे मुजतबा आब्दी भी शामिल थे। 

कभी इतनी अच्छी तकरीर नहीं सुनी: आबदी

अस्सी वर्षीय आबदी कहते हैं कि सुषमा जी ने किले के मैदान में उर्दू में शानदार तकरीर की थी। हमने कभी महिला नेता की इतनी अच्छी तकरीर नहीं सुनी। उन्होंने कहा था कि उर्दू  सिर्फ मुसलमानों की नहीं, बल्कि हिन्दुस्तान की जुबान है। उन्होंने मुल्क की तरक्की और भाईचारे पर भी फोकस किया था। नकवी 2009 में भी रामपुर से लोकसभा चुनाव लड़े तब भी सुषमा स्वराज सिविल लाइंस के रामलीला मैदान में आईं और जनसभा को संबोधित किया था।  

नकवी को बांधती थीं राखी

सुषमा स्वराज केंद्रीय मंत्री नकवी को छोटा भाई मानती थीं और रक्षाबंधन पर राखी बांधती थीं। नकवी कहते हैं कि उनके दुनिया से जाने का बहुत दुख है। उनके निधन से देश को अपूर्णीय क्षति हुई है। 

नूर बानो से था बेहद लगाव

सुषमा स्वराज के पूर्व सांसद बेगम नूरबानो से भी अच्छे रिश्ते थे। अक्सर वह उनसे मिलती रहती थीं। उनके निधन से नूर महल में गम का माहौल है। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि सुषमा स्वराज का निधन रामपुर के शाही परिवार की व्यक्तिगत क्षति है। पूर्व सांसद बेगम नूर बानो से सुषमा जी का गहरा रिश्ता रहा है। उन्हें बेगम नूर बानो से बेहद लगाव था। जब भी मिलीं, बहुत मुहब्बत से पेश आती थीं। उनसे पारिवारिक रिश्ते थे। नवेद मियां ने बताया कि सुषमा जी ने हमेशा अच्छा बर्ताव किया। वह बहुत अच्छी राजनीतिज्ञ थीं। उनकी शख्सियत बेमिसाल थी। 

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.