भगतपुर में धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर तनातनी
भगतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम टाहमदन में कई वषरें से बंद पड़े धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर विवाद हो गया।
मुरादाबाद । भगतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम टाहमदन में कई वषरें से बंद पड़े धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर दो समुदायों में तनातनी हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने एक को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य भाग निकले। पुलिस ने निर्माण रुकवा दिया और सामग्री, औजार कब्जे में ले लिए। गाव में पुलिस तैनात कर दी गई है। भगतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम टाहमदन में 10 वषरें से दो समुदायों में धार्मिक स्थलों के निर्माण को लेकर विवाद चला आ रहा है। इसकी वजह से प्रशासन ने धार्मिक स्थल पर नए निर्माण पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद एक समुदाय के लोगों ने मंगलवार देर रात निर्माण शुरू कर दिया। सूचना पर मिलते ही दूसरे समुदाय के लोग वहां जुटने लगे। उन्होंने 100 नंबर पर कॉल कर दिया। चौकी नेफा प्रभारी दीपक मलिक, थानाध्यक्ष प्रिंस शर्मा पुलिस बल के साथ पहुंच गए। पुलिस ने रात में ही निर्माण को ध्वस्त करा दिया। दबिश देकर बीडीसी मेंबर हाजी कल्लन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दूसरे समुदाय के लोगों ने ग्राम प्रधान पति रियाजुल हसन व पूर्व बीडीसी मेंबर फारुक अली समेत 25 लोग खिलाफ शिकायत की है। देर रात तक पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है। थानाध्यक्ष प्रिंस शर्मा ने बताया कि निर्माण कार्य बंद करा दिया है। तहरीर मिलने पर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम प्रधान के घर के सामने रखी सामग्री से हो रहा था निर्माण
ग्राम प्रधान के घर के सामने रखे ईट, रेता आदि से निर्माण कार्य कराया जा रहा था। विवाद बढ़ा दो प्रधान पति रियाजुल हसन ने खुद को बेगुनाह बताते हुए अज्ञात ग्रामीणों द्वारा सामग्री ले जाने के लिए तहरीर दी। 10 वर्ष पूर्व हुई घटना को दोहराने की कोशिश सन 2008 में भी इसी तरह निर्माण कार्य शुरू किया गया था। यह गाव भगतपुर थाना क्षेत्र के अतिसंवेदनशील गाव माना जाता है। धार्मिक स्थल के निर्माण के चलते ग्रामीणों में बवाल हुआ था। इस मामले में 53 ग्रामीणों को जेल भेजा गया था। अभी भी कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।
यह है विवाद की जड़
ग्राम टाहमदन निवासी राजीव शर्मा ने बताया कि परिसर में 14 बीघा जमीन है। एक समुदाय के लोगों ने परिसर में पड़ी 14 बीघा जमीन में आधी में अपना हिस्सा बता कर जमीन को बेचने का प्रयास किया था, दूसरे समुदाय ने इससे इन्कार कर दिया। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। लोगों के बीच जमकर फाय¨रग हुई। पीएसी ने एक वर्ष तक डेरा डाले रखा था।