Move to Jagran APP

ध्यान सिंह का बयान सजा दिलाने में रहा अहम

759

By RashidEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 10:45 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 10:45 AM (IST)
ध्यान सिंह का बयान सजा दिलाने में रहा अहम
ध्यान सिंह का बयान सजा दिलाने में रहा अहम

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : हिंदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष ध्यान सिंह सैनी हत्याकांड में 12 लोग गवाही देने के लिए पहुंचे थे, लेकिन मौत से पहले ध्यान सिंह ने मजिस्ट्रेट को दोनों दोषियों के खिलाफ बयान दिया था। यही सजा दिलाने में अहम रहा।इस हत्याकांड में 12 लोगों ने गवाही दी थी। इसमें वादी मोहन लाल सैनी की गवाही के साथ ही स्कूटर में मौजूद रहे दिलीप सैनी ने दोनों दोषियों के खिलाफ गवाही दी थी। साथ ही, सबसे महत्वपूर्ण बयान ध्यान सिंह सैनी ने मौत से पहले मजिस्ट्रेट नीलम श्रीवास्तव को दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने उक्त दोषी दोनों भाइयों के द्वारा गोली मारने की बात कही थी। मौत से पहले दिए गए बयान को अदालत ने सजा के लिए मजबूत आधार मानते हुए दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

prime article banner

कोर्ट परिसर में देर शाम तक लगा रहा जमावड़ा

इस चर्चित हत्याकांड पर सभी की निगाहें थीं। मंगलवार को कोर्ट परिसर के अंदर से लेकर बाहर तक का नजारा बदला हुआ था। दोनों दोषियों के सगे संबंधियों के साथ ही परिवार के लोग बाहर खड़े अदालत के आदेश का इंतजार कर रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि फैसला उनके पक्ष में आएगा। जब कि दोषियों के अलावा उनके परिवार के लोगों के माथे पर चिंता की लकीरे दिखाई दे रही थीं। यही नहीं अदालत के कटघरे में खड़े दोनों दोषी भी फैसले के इंतजार में चिंतित दिखाई दे रहे थे। अदालत का फैसला जैसे ही आया वैसे ही दोनों दोषियों के चेहरे का रंग उतर गया। दोनों को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें उम्रकैद की सजा मिलेगी लेकिन, अदालत ने इस जघन्य हत्याकांड पर दोषियों को कड़ी सजा सुनाई।

निर्णय से पीड़ित परिवार के चेहरे पर आई चमक

न्याय की उम्मीद में खड़े पीड़ित पक्ष के चेहरे पर चमक दिखाई दी। सभी ने अदालत के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए शुक्रिया अदा किया।

हिंदूवादी नेता के रूप में थी पहचान

मृतक ध्यान सिंह सैनी के भाई करन सिंह सैनी ने बताया कि उनके भाई को पूरे इलाके में हिंदूवादी नेता के तौर पर पहचान थी। धार्मिक मामलों में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे, और कई आंदोलन में शामिल रहे थे। उनके कार्यो को लोग आज भी याद करते हैं।

गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद रहे थे दोनों दोषी

इस हत्याकांड के बाद दोनों पार्षद भाई फरार हो गए थे। पुलिस ने पहले सुभाष सैनी को गिरफ्तार किया था। हत्या के लगभग आठ माह बाद पुलिस ने पांच दिसंबर 2014 को सुभाष को जेल भेजने की कार्रवाई की थी। इसके बाद 15 फरवरी 2016 को यशपाल सैनी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल जाने के बाद से वह बाहर नहीं आए।

हत्याकांड के बाद तनावपूर्ण रहा था शहर का माहौल

पार्षद का चुनाव लड़ चुके ध्यान सिंह सैनी के हत्याकांड के बाद शहर का माहौल बिगड़ने के आसार बन गए थे। जिस समय हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। उस दौरान वह हिंदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष के पद पर थे। दस अप्रैल 2014 की सुबह जिम जाते समय बीच सम्भल रोड पर दससराय चौकी के आगे दोषी दोनों भाइयों ने गोली मारी थी। उस समय ध्यान सिंह अपने दोस्त के साथ एक्टिवा पर थे। एक गोली सीने से नीचे और दूसरी पीठ पर लगी। परिजनों घटना के बाद जमीनी रंजिश के चलते दोनों पार्षद भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस घटना के बाद दोनों दोषी परिवार समेत फरार हो गए थे। दससराय में संजय नगर की गली नंबर एक में तीसरा मकान ध्यान सिंह सैनी का था। परिवार में पत्नी और चार बच्चे, पिता, मां, दो भाई और उनके परिवार के अन्य सदस्य रहते थे। इस हत्याकांड के बाद शहर में तनावपूर्ण माहौल हो गया था। भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अफसरों की तैनाती क्षेत्र में की गई थी।

52 बीघा जमीन के विवाद से बढ़ गई थी रंजिश

साल 2010 से ध्यान सिंह सैनी का यशपाल व सुभाष सैनी से विवाद चल रहा था। इस विवाद का केंद्र बिंदु दुर्गेश नगर स्थित 52 बीघा जमीन थी। साथ ही साल 2011 में दोनों पार्षद भाई अपने बड़े भाई राजेश सैनी की हत्या के बाद से ध्यान सिंह से रंजिश मानते थे। राजेश सैनी हत्याकांड में ध्यान सिंह भी नामजद थे। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। इस हत्याकांड के पीछे इन्हीं दो कारणों को अहम माना गया।

अदालत के फैसले पर हमें पूरा भरोसा था। मेरे भाई के हत्यारों को जो सजा मिली। वह उसके हकदार थे। इस फैसले के साथ ही न्याय की जीत हुई।

-करन सिंह सैनी, मृतक के भाई

कोर्ट में बिना किसी भय के मैंने गवाही दी थी। मुङो उम्मीद थी कि अदालत से हमें न्याय मिलेगा। इस फैसले के साथ ही हमें न्याय मिला।

-दिलीप सैनी, गवाह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.