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राज्यमंत्री गुलाब देवी का शहर ही ओडीएफ नहीं

मुरादाबाद : प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री गुलाब देवी के शहर चन्दौसी में ही लोग खुले में शौच करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 09:46 AM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 09:46 AM (IST)
राज्यमंत्री गुलाब देवी का शहर ही ओडीएफ नहीं
राज्यमंत्री गुलाब देवी का शहर ही ओडीएफ नहीं

मुरादाबाद : सरकार और अफसर शहर और गावों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है। प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री गुलाब देवी के शहर चन्दौसी में ही लोग खुले में शौच करते हैं। 500 परिवारों के पास शौचालय नहीं है। करोड़ों रुपये किए जा रहे हैं खर्च : स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत हर घर में शौचालय बनवाने के लिए करोड़ों रुपये प्रचार-प्रसार में खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद भी राज्यमंत्री गुलाब देवी का शहर चन्दौसी अभी तक ओडीएफ घोषित नहीं हो सका है। हालाकि इसके बाद भी कुछ नेता हर घर में शौचालय बनवाने का दावा कर रहे हैं। मंडल का सबसे स्वच्छ शहर कहलाने वाले चन्दौसी के ओडीएफ न होने को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार की तरफ से शहर के लिए कुछ मजबूत प्रयास होते तो शहर भी ओडीएफ हो सकता था। पालिकाध्यक्ष भी भाजपा की हैं

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राज्यमंत्री गुलाब देवी के अलावा नगर पालिका चन्दौसी की अध्यक्ष इंदूरानी भी भाजपा से ही चुनी गई हैं। इसके बाद भी शहर खुले में शौच मुक्त नहीं हो पाया है। गावों में भी स्वच्छ भारत मिशन की हालत भी अच्छी नहीं है। नवंबर में शहर हो जाएगा ओडीएफ

शहर में अभी 500 शौचालय और बनने है। शौचालय बनवाने के लिए तेजी से काम कराया जा रहा है। नवंबर में शहर को खुले से शौच मुक्त कर दिया जाएगा।

- अमिता वरुण, ईओ नगर पालिका चन्दौसी रामलीला के साथ पुतला तो जला पर गंदगी के रावण ने जमाया डेरा

मुरादाबाद : दशहरा मेला खत्म हो गया। रावण के पुतले का दहन भी हो गया, लेकिन नगर निगम व रामलीला समिति की उदासीनता के कारण अब गंदगी के रावण ने डेरा जमा लिया है। लाइनपार के रामलीला मैदान में कूड़े व कचड़े का ढेर लगा है। दैनिक जागरण की टीम ने शनिवार को रामलीला मैदान की पड़ताल की। चारों तरफ गंदगी ने पाव पसारे हुए थे। दोने व पत्तल के ढेर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। कुछ एक सड़क पर झाड़ू लगा तो जरूर मिला, लेकिन सड़क किनारे जमा गंदगी दोपहर बाद तक उठाई नहीं जा सकी थी। क्षेत्र के पार्षद ने भी दायित्व से पूरी तरह मुंह मोड़ लिया है, जिस धोबी घाट को दशहरा मेले के तहत साफ किया गया था, अब वहा पहले जैसे हालत हैं। श्री रामलीला समिति की ओर से भी स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया गया। रामलीला आयोजन के दौरान सफाई को मुद्दा बनाकर नगर निगम को घेरने की कोशिश करने वालों ने भी खुद के सामाजिक दायित्व से पूरी तरह से मुंह फेर लिया है। रावण का पुतला जलने के बाद रामलीला समिति मूकदर्शक की भूमिका में है। 20 दिन में ही भूले स्वच्छता

महात्मा गाधी की 150वीं जयंती के अवसर पर नगर निगम प्रशासन व सफाई कर्मियों ने स्वच्छता का संकल्प लिया। दशहरा आते ही वह संकल्प नगर निगम के कर्ताधर्ता आखिरकार कैसे भूल गए।

चिंतन चौधरी


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