Special on hindi day : मुरादाबाद जेल में हिंदी सीख रहे इंडोनेशिया के आठ बंदी, जेल प्रशासन कर रहा मदद
Special on hindi day तीन माह से मुरादाबाद जिला कारागार में बंद हैं इंडोनेशिया के आठ नागरिक। जि़ला कारागार में बंदी रक्षक शिक्षक बनकर सिखा रहे हिंदी।
मुरादाबाद (रितेश द्विवेदी)। Special on hindi day। कारागार की अंधेरी कोठरी में भी हिंदी भाषा दिलों को जोड़ने का काम कर रही है। हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं, बल्कि भावनाओं का मेल करने के साथ ही एक-दूसरे के सुख और दुख को समझने में सेतु का काम करती है। इसकी बानगी जिला कारागार में देखने को मिल रही है। इन दिनों जिला कारागार में बंद इंडोनेशिया के आठ नागरिकों को हिंदी अपनी ओर आकर्षित कर रही है। बीते तीन माह से यह सभी विदेशी नागरिक हिंदी भाषा को पढ़ने और लिखने का ज्ञान हासिल करने में जुटे हुए हैं। जेल प्रशासन भी इन बंदियों की मंशा को समझते हुए इन्हें पूरी मदद प्रदान कर रहा है।
मार्च में पुलिस ने इंडोनेशिया के नागरिकों को वीजा नियमों का उल्लंघन और महामारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लेकिन, जेल में पहुंचने के बाद इन नागरिकों को भाषा को लेकर दिक्कत हो रही थी। ऐसे में जेल प्रशासन को इनकी भाषा को समझने के लिए दो बंदी रक्षकों को लगाया था। तब जेल प्रशासन को पता चला कि इंडोनेशिया के बंदी नागरिक अरबी भाषा में बात करना जानते है। मुस्लिम समुदाय के सभी देशों में अरबी भाषा को बोलना और पढ़ना आम चलन है। कारागार प्रशासन ने जिन दो बंदी रक्षकों को अरबी भाषा बात करने के लिए इन विदेशी नागरिकों के साथ रखा था, उन्हीं से इन विदेशाी नागरिक हिंदी भाषा सीखने की इच्छा जताई। लगभग तीन माह बीत जाने के बाद यह इंडोनेशिया के नागरिक अब खाने और पीने की सभी चीजें हिंदी में बात करके मांगते हैं। जेल प्रशासन ने इन नागरिकों को हिंदी भाषा को समझने के लिए पुस्तकें भी उपलब्ध कराई थीं। जिससे पढ़कर अब यह हिंदी को समझने लगे हैं। Indonesian captives learning Hindi in jail
इंडोनेशिया की मुख्य भाषा है मलय
जिला कारागार में इंडोनेशिया के बंदी अरबी भाषा के साथ ही हिंदी के शब्दों को भी जानने लगे हैं। लेकिन, इंडोनेशिया की प्रमुख भाषा मलय है। इस देश के नागरिक इसी भाषा में लिखते और पढ़ते हैं।
14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस
आज भारत में करीब 77 फीसद लोग हिंदी भाषा बोलते हैं। यही कारण है कि हिंदी को राज भाषा का दर्जा दिया गया था। देश में आजादी के बाद 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारत की मुख्य भाषा के रूप में हिंदी को पहचान दी थी। साल 1952 में पहली बार हिंदी दिवस का आयोजन हुआ था।
कारागार में तीन माह से इंडोनेशिया के आठ बंदी बंद है। इन विदेशी नागरिकों ने इच्छा जाहिर की थी कि वह हिंदी भाषा सीखना चाहते हैं। जिसके बाद दो बंदी रक्षकों को इन बंदियों को हिंदी भाषा जानकारी देने लिए लगाया गया था। अब ये बहुत से शब्द हिंदी में बोलने और समझने लगे हैं।
उमेश सिंह, वरिष्ठ जेल अधीक्षक