Move to Jagran APP

Special on Gurpurnima : गुरु का सख्त मिजाज बन गया सरिता की कामयाबी का राज, एशियन गेम्स में जीता था सिल्वर मेडल

Special on Gurpurnima नेशनल रिकॉर्ड धारी सरिता के लिए कोच सुखदीप सिंह मान पटियाला से भेजते हैं सप्लीमेंट अब भी वाट्सएप पर लिखते हैं टिप्स।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 10:30 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 10:30 AM (IST)
Special on Gurpurnima : गुरु का सख्त मिजाज बन गया सरिता की कामयाबी का राज, एशियन गेम्स में जीता था सिल्वर मेडल
Special on Gurpurnima : गुरु का सख्त मिजाज बन गया सरिता की कामयाबी का राज, एशियन गेम्स में जीता था सिल्वर मेडल

मुरादााबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव)। खिलाड़ी और कोच का रिश्ता गुरु-शिष्य की तरह होता है। कोच खिलाड़ी को कामयाब बनाने के लिए सख्ती दिखाता है, तो कभी नरम होकर मरहम भी लगाता है। एशियन गेम्स में हैमर थ्रो में सिल्वर मेडल विजेता व नेशनल रिकॉर्ड धारी सरिता सिंह का उनके कोच से भी कुछ ऐसा ही रिश्ता है। प्रैक्टिस के समय उनके कोच सख्त मिजाज होते हैं तो पिता की तरह उनका पूरा ख्याल भी रखते हैं। उनके कोच का सख्त मिजाज ही उनकी कामयाबी का राज बन गया। उनके कोच सुखदीप सिंह मान आज भी सरिता के लिए पटियाला से सप्लीमेंट भेजते हैं तो रोज फिट रहने के टिप्स भी बताते हैं। 

loksabha election banner

सरिता बताती हैं कि जब इंटर में थीं तभी से उन्होंने खेलों में कदम रख दिया था। पहले स्कूल के पीटीआइ ही उन्हें सबकुछ सिखाते थे। कॉलेज में पहुंचीं तो हैमर थ्रो का कोच न होने के कारण खुद ही सबकुछ सीखा। इसके बाद 2011 में रेलवे में नौकरी लगने के बाद से उन्हें नई उड़ान मिली। यहीं से सरिता का चयन इंडियन टीम में हुआ। जहां उन्हें कैंप के दौरान कोच सुखदीप सिंह मान मिले। यहीं से उनकी सिंह बदलना शुरू हो गयी।

कोच साथ करते थे प्रैक्टिस

सरिता इंडिया टीम के कैंप में अकेली थीं। साथी खिलाड़ी न होने के कारण उनके खेल पर असर पड़ रहा था। ऐसे में उनके कोच ही उन्हें टिप्स देते और फिर साथी खिलाड़ी की कमी को पूरा करने के लिए सरिता के साथ मैदान में भी उतरते।

लॉकडाउन में वाट््सएप पर देते हैं टिप्स

सरिता के कोच पटियाला में रहते हैं। मुरादाबाद में होने के कारण सरिता पटियाला नहीं जा सकती थीं, ऐसे में लॉकडाउन के दौरान उनके कोच ने उन्हें वाट््सएप पर ही टिप्स देना शुरू किए, साथ ही वह आज भी उनके लिए वहां से सप्लीमेंट भेजते रहते हैं।

सरिता के नाम ये रिकॉर्ड हैं दर्ज

2017 में हैमर थ्रो में मंजूबाला का 62 मीटर का रिकॉर्ड ध्वस्त किया, नया रिकॉर्ड 65.25 मीटर का बनाया, 2018 में जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीता, फेडरेशन कप में 63.80 मीटर का नया रिकॉर्ड बनाया, इंटर स्टेट टूर्नामेंट में 63.57 मीटर का रिकॉर्ड, इंटर रेलवे टूर्नामेंट में 64.57 मीटर का रिकॉर्ड।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.