एसपी सोनभद्र ने लिखा ऐसा पत्र कि झूम उठा पुलिस कर्मियों का दिल, जानिए क्या है पूरा मामला Moradabad News
सिपाहियों की छुट्टी व उनकी तैनाती को लेकर एसपी ने दिया था सुझाव। सोशल मीडिया पर सिपाहियों के बीच वायरल हो रहा एसपी सोनभद्र का पत्र।
मुरादाबाद। सूबे के सिपाहियों के बीच एसपी सोनभद्र का पत्र इन दिनों खूब चर्चा में है। एसपी की सोच व दूरदृष्टि ने सिपाहियों के मन को प्रभावित किया है। सिपाहियों ने इसे धरातल के करीब बताया है।
सोशल मीडिया पर सिपाहियों के बीच तेजी से वायरल हो रहा पत्र एसपी सोनभद्र ने शासन को भेजा था। यह छिपी बात नहीं कि दायित्व का बोझ और तनावग्रस्त परिस्थितियां पुलिस कर्मियों के अवसाद का कारण बन रही हैं। बीते वर्षों में इस कारण कई घटनाएं घट चुकी हैं। पुलिस कर्मियों द्वारा उठाए जा रहे अप्रिय कदम से शासन सुधार की प्रक्रिया अपनाने के मूड में है। सिपाहियों को तनाव व अवसाद से मुक्त करने की कवायद में ही शासन ने सूबे के सभी पुलिस अधीक्षकों से सलाह मांगी थी। इसी के तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों के पुलिस कप्तान ने शासन को अपने सुझाव भेजे हैं। इनमें एसपी सोनभद्र का पत्र सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रहा है।
एसपी सोनभद्र के पत्र का मजमून
अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन को संबोधित पत्र में एसपी सोनभद्र ने कहा है कि दो सितंबर को शासन से उन्हें पत्र मिला। सिपाहियों संबंध उनका अपना यह मत है। पुलिस कर्मियों की छुट्टी के संदर्भ में नकदीकरण व्यवस्था बहाल हो। इससे अनावश्यक उपार्जित अवकाश पर जाने की पुलिस कर्मियों की प्रवृत्ति में कमी आएगी। आरक्षी व मुख्य आरक्षियों को उनके गृह जनपद में भी तैनात किया जा सकता है। इससे न सिर्फ अपराध पर नियंत्रण होगा, बल्कि परिजनों के करीब होने से उनकी मानसिक स्थिति में भी बदलाव होगा। अपनी साख व परिवार की प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए खाकी की छवि धूमिल करने से बचेंगे। पुलिस कर्मियों का रोडवेज व रेल किराया माफ किया जाए। इससे डाक व मुल्जिम ड्यूटी में सहूलियत होगी। बस व ट्रेन में पुलिस कर्मियों के सफर करने से यात्री भी सुरक्षित महसूस करेंगे।
पुलिस कर्मियों को लेकर शासन ने पुलिस अधीक्षकों से आख्या तलब की थी। मेरे स्तर से भी सुझाव भेजा गया है। इन सुझावों के लागू होने से सिपाहियों व पुलिस कर्मियों के बर्ताव व क्रियाकलाप में अमूल चूल परिवर्तन होने की उम्मीद है।
प्रभाकर चौधरी, एसपी सोनभद्र।