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Azam Khan के वाहन की चेकिंग के विरोध में हाईवे जाम करने के मामले में पेशी पर नहीं पहुंचे सपा विधायक महबूब अली

Jamming in Protest Against Checking of Azam Khans Vehicle छजलैट विवाद मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में थाने में तैनात रहे एक सेवानिवृत्त सिपाही के बयान दर्ज करने के साथ ही आरोपित पक्ष के अधिवक्ता ने जिरह की।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 02:35 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 02:35 PM (IST)
Azam Khan के वाहन की चेकिंग के विरोध में हाईवे जाम करने के मामले में पेशी पर नहीं पहुंचे सपा विधायक महबूब अली
साल 2008 में हरिद्वार हाइवे जाम करने को लेकर पुलिस ने दर्ज किया था मुकदमा

मुरादाबाद, जेएनएन। Jamming in Protest Against Checking of Azam Khans Vehicle : छजलैट विवाद मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में थाने में तैनात रहे एक सेवानिवृत्त सिपाही के बयान दर्ज करने के साथ ही आरोपित पक्ष के अधिवक्ता ने जिरह की। कोर्ट में पेशी के लिए अमरोहा देहात से विधायक महबूब अली भी पहुंची। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तारीख दी है।

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शासकीय अधिवक्ता मोहन लाल विश्नोई ने बताया कि साल 2008 में रामपुर से तत्कालीन विधायक आजम खां के वाहन को चेकिंग के विरोध में छजलैट पुलिस के खिलाफ सपा नेताओं पर हरिद्वार हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया था। इस मामले में छजलैट थाना पुलिस ने मौजूदा रामपुर के सांसद आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ सपा से देहात विधायक हाजी इकराम कुरैशी, नूरपुर से विधायक नईमउल हसन, अमरोहा देहात से विधायक महबूब अली, सपा नेता राजकुमार प्रजापति, राजेश यादव के साथ ही अन्य सपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। गुरूवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले में छजलैट थाने में तैनात रहे सेवानिवृत्त सिपाही ने बयान दर्ज कराए। आरोपित पक्ष के अधिवक्ता शहनवाज सिब्तेन ने जिरह की। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर की तारीख दी है।

जौहर ट्रस्ट ने जमा की जुर्माने की एक तिहाई रकम : सांसद आजम खा की जौहर यूनिवर्सिटी ने गेट को तोड़ने के मामले में सेशन कोर्ट द्वारा डाले गए जुर्माने की एक तिहाई राशि को आखिरकार जौहर ट्रस्ट की ओर से जमा कर दिया गया है। जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को लोक निर्माण विभाग की भूमि पर मानते हुए एसडीएम सदर ने तोड़ने के आदेश दिए थे। साथ जुर्माना भी लगाया था। इस आदेश केे खिलाफ जौहर ट्रस्ट की ओर से जिला जज की अदालत में याचिका दायर की गई।

जिला जज ने भी गेट को भी अवैध् माना लेकिन जुर्माने की रकम की आधी कर दी। इस मामले में जौहर ट्रस्ट ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। हाई कोर्ट ने गेट तोड़ने के आदेश पर रोक लगा दी लेकिन जुर्माने की एक तिहाई राशि जमा करने के आदेश दिए। इस पर ट्रस्ट की ओर से जुर्माने की रकम जमा करने के लिए एसडीएम के यहां प्रार्थना पत्र दिया गया। साथ ही अब चेक 49 लाख 14 हजार रुपये का चेक भी जमा कर दिया है। जिला शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि जुर्माने की राशि जमा करने के लिए चेक दिया गया है।


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