मुरादाबाद में गेहूं में मिट्टी की मिलावट, बोरे में चारों तरफ अनाज, बीच में मिट्टी से भरी पॉलीथिन
Wheat Adulterationin in Moradabad मुरादाबाद में गेहूं में मिट्टी की मिलावट का मामला सामने आया है। बहुत होशियारी से गेहूं की बोरी के बीच में मिट्टी से भरी पॉलीथिन रखी गई थी। लेकिन एक बोरा वाहन से नीचे गिरते ही पूरी पोल खुल गई।
मुरादाबाद, जेएनएन। Wheat Adulterationin in Moradabad। ट्रक में मिट्टी मिश्रित गेहूं के बोरे भरने में पूरी हाेशियारी दिखाई गई थी। लेकिन, एक बोरा नीचे गिरने से पूरा राज खुल गया। गेहूं में मिट्टी पूरी तरह से नहीं मिलाई गई थी, बल्कि बोरी के चारों ओर गेहूं भरने के बाद बीच में पॉलीथिन में मिट्टी भरकर उसे बीच में लगाया गया था। नमूना जांचने के लिए बोरी के किनारे छेद करके पनाली से गेहूं निकाला जाता है। डीएसओ ने ट्रक से नमूने के लिए 50 बोरे उतरवाकर जांच कराई। सभी में 80 फीसद मिट्टी व 20 फीसद गेहूं भरा हुआ था।
डीएसओ ने फोन पर भारतीय खाद्य निगम के जिला प्रभारी से वार्ता की और दो सौ कुंतल गेहूं वापस करा दिया। माना जा रहा है कि इस प्रकार से गेहूं जिन केंद्रों से आया होगा, वहां यह पूरा खेल वहां के केंद्र प्रभारी का हो सकता है।
जिले भर के राशन की दुकानों से गेहूं के बारे में ली जानकारी
मिट्टी भरे कट्टे पकड़े जाने के बाद एसएफसी गोदाम में रखे गेहूं की जांच कराई गई। जहां गेहूं ठीक मिला। जिले भर के राशन दुकानदारों से दुकान पर पहुंचे गेहूं के बारे में जानकारी ली गई। किसी भी केंद्र से मिट्टी मिश्रित गेहूं पहुंचने की सूचना नहीं मिली है। राशन दुकानदारों को आदेश दिया गया है कि घटिया गेहूं मिलते ही वितरण रोक दें और गेहूं को तत्काल वापस कराएं।
खरीद केंद्रों से की गई गेहूं की आपूर्ति
गेहूं के स्थान पर मिट्टी निकलने वाले बोरा के ऊपर उत्तर प्रदेश सरकार खाद्य व रसद विभाग लिखा हुआ था। इसका मतलब है कि गेहूं उत्तर प्रदेश के खरीद केंद्रों से आपूर्ति की गई थी। भारतीय खाद्य निगम की तकनीकी टीम ने ट्रकों से आए गेहूं को बिना जांच किए ही गोदाम में रखवा लिया। अब इसकी आपूर्ति राशन की दुकानों पर की जा रही है।
सरकार के यह हैं आदेश
गेहूं खरीद होने के बाद आरएफसी की तकनीकी टीम गेहूं की गुणवत्ता की जांच करेगी। सब कुछ ठीक मिलने के बाद बोरों को गोदाम में रखने की अनुमित मिलेगी। तकनीकी टीम राशन दुकान पर वितरण को भेजने से पहले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच करेगी। सड़े गले खाद्यान्न को नहीं भेजा जाएगा। आपूर्ति विभाग को आदेश है कि कार्ड धारकों के बांटने से पहले खाद्यान्न की जांच कर लेंं। घटिया स्तर के खाद्यान्न का वितरण नहीं होने दें।
अक्टूबर में भी दिया था खराब गेहूं
पिछले महीने भी खराब गेहूं राशन की दुकानों पर भेजा गया था। कई स्थानों पर राशनकार्ड धारकों ने गेहूं लेने से इन्कार कर दिया। जिला पूर्ति अधिकारी के साथ ही जिलाधिकारी से भी शिकायत की गई थी। तब जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम से गेहूं की जांच कराई थी। रिपोर्ट के आधार पर खराब मिले गेहूं गोदाम को वापस कराया गया था। जो गेहूं वापस किया गया था उसमें सड़ा गला गेहूं मिश्रित था। राशन की दुकान से मिलने वाले गेहूं में फसल का कूड़ा मिलना मिलना आम बात है।
जिला पूर्ति अधिकारी की रिपोर्ट मिली है, जिसे एफसीआइ के प्रदेश को प्रभारी को मिट्टी मिश्रित गेहूं की रिपोर्ट भेज दी गई है।
राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी