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Moradabad Police News : अपराधियों के कॉल डेटा को विजुअलाइज करेगा यह अनूठा सर्विलांस सॉफ्टवेयर

पुलिसिंग को बेहतर बनाने के लिए कंप्यूटर साइंस के अंतिम वर्ष के छात्रों ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जो पुलिस के डेटा को विजुअलाइज करेगा। सॉफ्टवेयर पुलिस को खुद-ब-खुद बता देगा कि कॉल रिकॉर्ड में किस समयावधि में किससे कितनी बार और किस लोकेशन से बातचीत की गईं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 05:55 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 01:52 PM (IST)
Moradabad Police News : अपराधियों के कॉल डेटा को विजुअलाइज करेगा यह अनूठा सर्विलांस सॉफ्टवेयर
कंप्यूटर साइंस के अंतिम वर्ष के छात्रों द्वारा बनाया गया सॉफ्टवेयर।

प्रांजुल श्रीवास्तव, मुरादाबाद : पुलिस अपराधियों की लोकेशन अब आसानी से पता कर सकेगी। यह एक नए सॉफ्टवेयर से संभव होगा। यह फोन कॉल के डेटा को ग्राफिक्स की तरह विजुअलाइज कर देगा। इसके माध्यम से पुलिस किसी भी व्यक्ति को कई गईं कॉल के रिकॉर्ड के आधार पर पूरी बातचीत की लोकेशन को ट्रेस करा देगा। यदि आसपास ही कई जगह बदलाव किया है तो यह भी पता चल जाएगा। 

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अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा अगस्त में आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता स्मार्ट इंडिया हैकॉथान में इस सॉफ्टवेयर को पूरे देश में पहला स्थान मिला है। एमआइटी (मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी) के छात्रों के टीम लीडर ऋत्विक दयाल ने बताया कि सीडीआर (कॉल डिटेल रिकार्ड) व आइपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकार्ड) को बेहतर बनाने और उसमें आ रही समस्याओं को सुलझाने के लिए ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की ओर से प्रस्ताव मिला था। इसके बाद उनकी टीम ने पूरे सॢवलांस सिस्टम को समझते हुए ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया जो किसी भी व्यक्ति की महीनों पुरानी कॉल रिकार्ड में जाकर जांच कर लेगा। उसमें से किसी एक नंबर पर की गई कॉल, उसकी बातचीत की समयावधि को खुद-ब-खुद सामने रख देगा। अभी तक, यह काम मैनुअली करना पड़ता था। इसमें पुलिस को बहुत समय लगता था।

लोकेशन का रूट भी बताएगा साफ्टवेयर

पहले पुलिस अपराध में शामिल व्यक्ति द्वारा अलग-अलग लोकेशन से की गई कॉल का रूट टावर लोकेशन, और उससे मिले अनुमान के आधार पर बताती थी। लेकिन, अब इस साफ्टवेयर में जैसे ही सीडीआर फीड की जाएगी, वह बदली लोकेशन का रूट और उसकी समयावधि भी ग्राफ के माध्यम से सामने रख देगा। इसके अलावा इस सॉफ्टवेयर को सिंगल सर्वर आॢकटेक्चर से जोड़ा गया है, जिसके माध्यम से किसी भी जिले या राज्य की पुलिस कहीं की भी सीडीआर की जांच कर सकती है। पहले ऐसा संभव नहीं था।

सर्वर के रिकार्ड में रहेगा डेटा 

साफ्टवेयर बनाने वाली टीम में शामिल शुभम चौहान बताते हैं कि पहले सीडीआर का अलग से रिकार्ड रखना पड़ता था। इस साफ्टवेयर से रिकार्ड एनालाइजर टूल को सर्वर से जोड़ा गया है, जिसमें पूरा डेटा खुद-ब-खुद रिकार्ड होता रहता है। उन्होंने बताया कि सॢवलांस सिस्टम के व्यू को भी बदला गया है। अब यह एक्सल शीट की बजाए डैश बोर्ड की तरह दिखाई देगा। टीम में ऋत्विक दयाल और शुभम चौहान के अलावा ऋत्विक रस्तोगी, अॢपत त्यागी, शिवांगी अरोड़ा व नितिन चौहान शामिल रहे।

क्या बोले विशेषज्ञ

स्मार्ट इंडिया हैकॉथान में एमआइटी के बच्चों का प्रदर्शन सराहनीय है। यह सॉफ्टवेयर पुलिस विभाग की मदद करने में सक्षम है। पूरे देश में इस सॉफ्टवेयर को पहला स्थान प्राप्त हुआ है।

-डॉ. लाल प्रताप, एसोसिएट प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, एमआइटी


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