जोर-शोर से लोकार्पण पर अभी तक सड़क पर नहीं उतर पाईं इलेक्टि्र बसें, इन वजहों ने लगाया ब्रेक
Moradabad Smart Electric Buses इलेक्ट्रिक बसों का लोकार्पण होने के बाद अभी ट्रायल ठप है और न ही अभी पूरी बस आ सकी हैं। शहर में एक महीने तक इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल निर्धारित मार्गों पर था। इसको लेकर शहर में स्टापेज तो तय कर दिए गए।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Smart Electric Buses : इलेक्ट्रिक बसों का लोकार्पण होने के बाद अभी ट्रायल ठप है और न ही अभी पूरी बस आ सकी हैं। शहर में एक महीने तक इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल निर्धारित मार्गों पर था। इसको लेकर शहर में स्टापेज तो तय कर दिए गए। मगर इन स्टापेज के प्लेटफार्म नहीं बने और न ही शहर में व्यवहारिक परेशानियों को अभी तक नहीं तलाशा गया गया है। स्मार्ट सिटी के तहत लाकड़ी-फाजलपुर बाईपास स्थित मैनाठेर में बने इलेक्ट्रिक बस डिपो में भी चार्जिंग प्वाइंट नहीं लगे।
नगर निगम के अफसर से लेकर रोडवेज, पीएमआइ कंपनी लोकार्पण के बाद इनके संचालन को लेकर सुस्त पड़ गए हैं। आचार संहिता लगने से पहले आनन फानन में लोकार्पण तो करा दिया। लेकिन, जैसी स्थिति है, उससे नहीं लगता की लोकार्पण के एक महीने बाद इनका संचालन हो पाएगा। अब आचार संहिता लगने से सीधा दबाव भी नहीं है। 25 बसों में लोकार्पण के दिन सिर्फ चार बसें आईं। लोकार्पण के बाद एक बस और मिली है, जिससे पांच बसें ही मुरादाबाद को अभी हाथ लगी हैं।
बसों के चालक मौजूद हैं, फिर भी ट्रायल नहीं हो दस दिन पहले एक दिन इलेक्ट्रिक बस चलाने का जोश बिना ट्रायल के ठंडा हो गया है। एक महीने में दस दिन तो बिना ट्रायल के गुजार दिए। अब 20 दिन बचे हैं। इन 20 दिन में भी ट्रायल शुरू होने के आसार नहीं है। यही नहीं लोकार्पण के दिन 12 में चार बसें मिलीं। इनमें चार बाद में आने का दावा किया गया। लेकिन, बाद में एक ही बस आई है। यानि मुरादाबाद को केवल पांच बसें ही हाथ लगी हैं।
अब अब लोग कहने लगे हैं कि पहले दिन जितने जोश के साथ बस को चलाया गया, अब चलना तो छोड़िए इनका ट्रायल भी नहीं लिया जा रहा है। चार्जिंग प्वाइंट लगाने वाली पीएमआइ कंपनी को ही रोडवेज को चालक मुहैया कराकर देने हैं। चालक तो मिले लेकिन, बिना चार्जिंग प्वाइंट के इनका ट्रायल ठप है। लोकार्पण के बाद ट्रायल के लगभग सभी काम अधूरे हैं।
अधूरे कामों पर एक नजर
- स्टापेज के प्लेटफार्म नहीं बने।
- इलेक्ट्रिक बस डिपो में चार्जिंग डिपो नहीं लगे।
- व्यवहारिक दिक्कतें तलाशने को ट्रायल ठप।
- शहर में चार्जिंग प्वाइंट का काम शुरू नहीं।
-25 बसों में अभी मात्र पांच बसे ही हाथ लगीं।
क्या कहते हैं अधिकारीः नगर आयुक्त संजय चौहान ने बताया कि बसों के ट्रायल के लिए परिवहन विभाग इसका नोडल है। लोकार्पण के बाद ट्रायल की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है। ट्रायल शुरू नहीं होने के संबंध में जानकारी ली जाएगी।सिटी ट्रांसपोर्टेशन कंपनी के निदेशक दीपक चौधरी ने बताया कि अभी इलेक्ट्रिक बस डिपो में चार्जिंग प्वाइंट नहीं लगे हैं। बिजली की लाइन डाली जा चुकी है। लेकिन जब तक बिजली कनेक्शन नहीं जुड़ेगा, बसों की चार्जिंग नहीं हो सकती। इसलिए ट्रायल अभी शुरू नहीं हो पाया है।