Smart city project : मुरादाबाद के 70 हजार घर सीवर लाइन से जुड़ेंगे, शासन से मिली मंजूरी
Moradabad Municipal Corporation 60 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वित्त व्यय समिति की सहमति के बाद यह फैसला लिया गया है। तीन फरवरी को लखनऊ में जल निगम के अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें इस पर सहमति बन गई।
मुरादाबाद, जेएनएन। अब पुराने शहर में सेफ्टी टैंकों का गंदा पानी सड़कों पर बहता नहीं दिखाई देगा। वित्त व्यय समिति की सहमति के बाद शासन ने 60 करोड़ रुपये खर्च करके 70 हजार घरों को सीवर लाइन से जोड़ने के लिए मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश जल निगम को दो महीने से अंदर यह काम पूरा करना है। सीवर लाइन से जुड़ने वाले घरों से मालिकों को इस सुविधा के लिए टैक्स देना होगा।
मुरादाबाद में नगर निगम एक लाख 30 हजार लोगों से हाउस टैक्स लेता है, सभी घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाना है। पीलीकोठी से मकबरा तक सभी पुराने शहर में सीवर लाइन बिछाए जाने का काम हो चुका है। यहां के हाउस कनेक्शन अमृत योजना में 2016 में सीवर लाइन से जोड़न के लिए शामिल किए गए थे। 2012 में नमामि गंगा योजना में सीवर लाइन डालने व नाले टेप करने का काम शुरू हो गया था। महानगर से निकलने वाले 14 नालों में से 10 को टेप कराकर गुलाबाबाड़ी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान (एसटीपी) से जोड़ दिया गया है। इसकी वजह से शहर का गंदा पानी नदियों में जाना बंद हो चुका है। नमामि गंगा योजना से बची धनराशि खर्च करके जल निगम ने 10 हजार हाउस कनेक्शनों को सीवर से जोड़ दिया था। अमृत योजना के 60 करोड़ रुपये से बाकी कनेक्शन जोड़ने का काम शुरू होना था। जल निगम के परियोजना प्रबंधक तारिक अली ने बताया कि तीन फरवरी को लखनऊ में अमृत योजना की वित्त एवं व्यय समिति की बैठक लखनऊ में हुई थी। समिति ने 70 हजार हाउस कनेक्शनों को सीवर लाइन से जोड़ने के लिए सहमति दे दी है। शासन से मंजूरी मिल गई है। हमें दो महीने के अंदर काम खत्म करना है।
ये हैं खास बातें
244 करोड़ से वर्ष 2012 में शुरू हुई सीवर लाइन परियोजना, 264 किलोमीटर पुराने शहर क्षेत्र में डाली गई सीवर लाइन, 10 हजार कनेक्शन पर नमामि गंगे योजना से जोड़े गए, 07 करोड़ रुपये दस हजार कनेक्शनों पर खर्च हो चुके है, 7000 रुपये प्रति हाउस कनेक्शन इस पर आ रहा है खर्च।
हाउस कनेक्शन सीवर लाइन से जोड़ने का काम जल निगम कर रहा है। कनेक्शन जोड़ने के बाद नगर निगम को हस्तांतरित किया जाएगा। इसके बाद घरों से क्षेत्रफल का ढाई फीसद सीवर टैक्स लिया जाएगा। फिलहाल कोई टैक्स निगम नहीं ले रहा है
राकेश कुमार सोनकर, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी