पीतल नगरी में मंदी की आहट, सीडी रेशियो घटा, जानिए क्या है वजह Moradabad News
केनरा एक्सिस डिस्ट्रिक को-आपरेटिव देना बैंक की स्थिति काफी खराब है। कुल 18 बैंकों का सीडी रेशियो 60 फीसद से नीचे पहुंच गया है।
मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव)। पीतल नगरी की चमक अब फीकी पडऩे लगी है। निर्यात तेजी से घट रहा है। इसका असर बैंकों की रिपोर्ट में भी दिखने लगा है। वित्तीय वर्ष में सामने आई रिपोर्ट में जिले का सीडी रेशियो तीन फीसद तक लुढ़ककर नीचे आ गया है यानि बैंक अब 100 में से 57 रुपये ही लोन बांट पा रहे हैं।
मुरादाबाद में मार्च की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद 18 बैंक ऐसे चिह्नित हुए हैं, जिनका सीडी रेशियो तीस फीसद का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया है। मौजूदा समय में सीडी रेशियो 57.25 फीसद है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से भी एक फीसद कम है। रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2019 तक बैंकों में 19892.29 करोड़ रुपये जमा हुए हैं, इसके सापेक्ष बैंक 11388.37 करोड़ का लोन ही बांट सके।
छह महीने में ही 200 करोड़ कम हुआ एक्सपोजर
निर्यातकों के अनुसार भारत से होने वाला निर्यात 25 से 30 फीसद महंगा हो गया है। कारोबार में मंदी के चलते निर्यातकों ने लोन लेना भी कम कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक मार्च तक 4 हजार 200 करोड़ रुपये का एक्सपोजर निर्यातकों को मुरादाबाद में दिया गया था, जो अगस्त तक 220 करोड़ घटकर 3980 करोड़ रह गया है।
938 करोड़ रुपये कम बांटा लोन
जिले की बैंकों ने मार्च 2019 तक कुल 31280.66 फीसद का व्यापार किया है। सीडी रेशियो सामान्य से तीन फीसद कम होने के कारण करीब 938 करोड़ रुपये का व्यापार घटा है। पिछले वित्तीय वर्ष में यही व्यापार 32218 करोड़ रुपये था।
ये होता है सीडी रेशियो
सीडी रेशियो को क्रेडिट डिपाजिट रेशियो कहते हैं। इसका सीधा मतलब है कि जो पैसा बैंकों में जमा हुआ है, उसका कितना फीसद पैसा बैंक लोन के रूप में बांट पा रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार जिले का सीडी रेशियो कम से कम 60 फीसद होना ही चाहिए। अगर यह रेशियो नीचे गिरता है, तो इसका मतलब है कि उद्योग धंधो में कमी आ रही है और रोजगार के संसाधन घट रहे हैं।
60 फीसद से नीचे रहा सीडी रेशियो
नाम क्रेडिट डिपाजिट सीडी रेशियो
केनरा 163.05 1036.32 15.73
एक्सिस 465.00 2900.00 16.03
कोऑपरेटिव 156.59 786.10 19.92
देना 21.87 78.24 27.96
सेंट्रल बैंक 80.03 232.71 34.39
कोऑपरेशन 296.56 719.81 41.20
पंजाब एंड सिंध बैैंक 13.80 33.10 41.70
यूनियन बैंक 137.57 329.47 41.75
बांबे मर्चेंटाइल 0.17 0.41 42.06
आंध्रा बैंक 81.73 162.46 50.31
यूनाइटेड बैंक 10.02 19.10 52.46
बैंक ऑफ बड़ौदा 402.55 722.67 55.70
जम्मू एंड कश्मीर बैंक 28.38 48.41 58.63
अमेरिका की पॉलिसी अस्थिर हो रही हैं, इससे पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। कई देश टे्रड वॉर की चपेट में आ गए हैं, इससे अर्थव्यवस्था अस्थिर हो रही है। यही कारण है कि डॉलर महंगा होता जा रहा है और रुपया इसके मुकाबले कमजोर हो रहा है। व्यापार इसी कारण प्रभावित हो रहा है, और सीडी रेशियो गिर रहा है।
- डॉ. इला अरोड़ा, विभागाध्यक्ष, डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स, आइएफटीएम यूनिवर्सिटी
बैंकों को तो कड़े आदेश हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोन दें लेकिन, इधर कुछ दिनों में लोन लेने वालों की संख्या में कमी आई है। इसका एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर ज्यादा प्रभाव दिख रहा है, उनके पास काम कम हो रहा है।
धीरज कुमार, मुख्य प्रबंधक कस्टमर सर्विस, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
निर्यातकों को हम लिमिट फार्म में लोन देते हैं। मार्च तक निर्यातकों का 4200 करोड़ रुपये का एक्सपोजर था, जो छह महीने में करीब 220 करोड़ रुपये घट गया है। इसका सीधा मतलब है कि निर्यातक अब ज्यादा पैसा बैंक से नहीं उठा रहे हैं।
- सतीश कुमार गुप्ता, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक
हमारे पास आर्डर में कमी आ रही है, जिससे निर्यात घट रहा है। जीएसटी में पैसा फंसा पड़ा है। इसके अलावा टैक्स की मार भी निर्यातकों पर पड़ रही है। कच्चा माल आयात करने में हमें अब ज्यादा पैसा लगाना पड़ रहा है।
- शरद बंसल, उपाध्यक्ष, लघु उद्योग भारती
सरकार की प्राथमिकता एक्सपोर्ट नहीं रह गई है। जो देश अब तक हमसे माल लेते थे वे अब वियतनाम, कंबोडिया, चीन की तरफ रुख कर रहे हैं। हमारे मुकाबले 25 से 30 फीसद माल उन्हें सस्ता मिल रहा है। जब आर्डर ही नहीं रहेंगे तो निर्यातक लोन क्यों लेगा।
- नावेद-उर-रहमान, अध्यक्ष, हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन
सरकार लगातार निर्यातकों को दी जाने वाली सुविधाओं में कटौती कर रही है। एक अगस्त से फोकस लाइसेंस भी हटा दिया गया है। इससे निर्यात में अस्थिरता आ गई है। करीब बीस फीसद तक का निर्यात इससे घट गया है।
विशाल अग्रवाल,सचिव, यंग इंटरप्रेन्योर सोसाइटी