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Single Use Plastic Ban: हम न सुधरने वाले... प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम हो रहा सिंगल यूज प्‍लास्टिक का उपयोग, तस्‍वीरों में देखें हकीकत

प्रतिबंधित प्लास्टिक के 19 उत्पादों में शामिल पालीथिन से बड़े किराना व अन्य व्यापारियों ने दूरी बनाना शुरू कर दी है। लेकिन सब्जी फल का ठेला व फड़ लगाने वाले पालीथिन में ही सामान रखकर दे रहे हैं।

By Vivek BajpaiEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 05:32 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 05:32 PM (IST)
Single Use Plastic Ban: हम न सुधरने वाले... प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम हो रहा सिंगल यूज प्‍लास्टिक का उपयोग, तस्‍वीरों में देखें हकीकत
बाजार में खुलेआम हो रहा सिंगल यूज प्‍लास्टिक का उपयोग।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। एक जुलाई से Single Use Plastic प्रतिबंधित हो चुकी है। इसके बावजूद बाजार में धड़ल्‍ले से इसका इस्‍तेमाल किया जा रहा है। बाजार में लोग खुलेआम पालीथिन में सामान लेकर घूम रहे हैं। फल-सब्‍जी वाले भी पाली‍थिन में ही सामान दे रहे हैं। ये पालीथिन कहां से आ रही हैं। जिम्‍मेदार इसका पता नहीं लगा पा रहे हैं। लोग खुद से सुधरने को तैयार नहीं है। बाजार जाते समय घर से थैला लेकर लोग निकलें तो प्‍लास्टिक पर बहुत जल्‍द प्रतिबंध लगाया जा सकेगा।

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प्रतिबंधित प्लास्टिक के 19 उत्पादों में शामिल पालीथिन से बड़े किराना व अन्य व्यापारियों ने दूरी बनाना शुरू कर दी है। लेकिन, सब्जी, फल का ठेला व फड़ लगाने वाले पालीथिन में सामान रखकर दे रहे हैं। वहीं कुछ जागरूक लोग घर से थैला लेकर भी सब्जी लेने पहुंचे तो कुछ खाली हाथ गए और पालीथिन में सब्जी लेकर जाते नजर आ रहे हैं। इनके पास पालीथिन कहां से आ रही है। बाजार में चोरी छिपे थोक कारोबारी पालीथिन उपलब्ध करा रहे हैं। नगर निगम की टीम कोपालीथिन के थोक कारोबारी हाथ नहीं लग रहे हैं।

छापामारी के डर से थोक कारोबारियों ने सामान दूसरे स्थानों पर छिपा दिया है। सब्जी व फल विक्रेताओं से नगर निगम पालीथिन जब्त नहीं कर रहा है। तर्क है कि अभी पहले की पालीथिन इनके पास होगी, जो खत्म होने के बाद इनके पास भी पालीथिन नहीं मिलेगी। वहीं इन मेहनत मजदूरी करने वालों पर भी नगर निगम की टीम रहम दिखाकर कुछ दिन कार्रवाई से बच रही है।

पालीथिन का विकल्प नहीं होने से पशोपेश में व्यापारी: पालीथिन का विकल्प अभी शासनादेश में नहीं होने से व्यापारी परेशान हैं। सिलाई वाले सिंथेटिक कैरी बैग पहले से भी चल रहे थे। नगर निगम की टीमों ने इनको भी कई जगह से जब्त किया है। जिससे व्यापारी परेशान हैं कि सामान किस प्रकार की थैली में रखकर दिया जाए। कागज की थैली में आधा-एक किग्रा तक तो दाल, चीनी, चावल, आटा रखकर दिया जा सकता है। लेकिन, पांच से दस किग्रा तक अगर कोई किराना का सामान खरीदता है तो वह कागज की थैली में नहीं दिया जा सकता। इसको लेकर उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह को ज्ञापन दिया।

महानगर अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि पहले शिविर लगाकर व्यापारियों को बताया जाए कि प्रतिबंधित पालीथिन व प्लास्टिक के आयटम की जगह विकल्प क्या हैं। नगर निगम के कर्मचारी छापामारी करके भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। लेकिन, विकल्प कुछ नहीं बता रहे। व्यापारियों के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर भी रोष जताया। व्यापारियों ने कहा कि इस तरह तो व्यापार बंद करना पड़ेगा। इस दौरान पवन अग्रवाल, विपिन गुप्ता, रवि अग्रवाल, अम्बरीष अग्रवाल, नवीन रस्तोगी, रघुवीर समेत अन्य मौजूद रहे।

एडीएम सिटी आलोक वर्मा का कहना है कि प्रतिबंधित प्लास्टिक के विकल्प का शासनादेश नहीं आया है। इसका शासनादेश आता है तो व्यापारियों की बैठक बुलाकर जानकारी दी जाएगी। नगर निगम पालीथिन का इस्तेमाल बंद करने को जागरूक करने पर जोर दिया जाएगा। नगर निगम प्रतिबंधित पालीथिन पकड़ने का अभियान चला रहा है। लोगों को घर से कपड़े का थैला लेकर चलने की आदत डालनी चाहिए।


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