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दुर्गा पूजा संग सिदूर उत्सव, रामगंगा में हुआ मूर्ति विसर्जन

कालीबाड़ी और मझोला से निकाली गई दुर्गा पूजा की विसर्जन यात्रा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 06:47 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 09:55 PM (IST)
दुर्गा पूजा संग सिदूर उत्सव, रामगंगा में हुआ मूर्ति विसर्जन
दुर्गा पूजा संग सिदूर उत्सव, रामगंगा में हुआ मूर्ति विसर्जन

कालीबाड़ी और मझोला से निकाली गई दुर्गा पूजा की विसर्जन यात्रा

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बंगाली समाज में छाया उल्लास, विसर्जन यात्रा के साथ दुर्गा पूजा का समापन

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : सोमवार को दुर्गा पूजा के आखिरी दिन बंगाली समाज के लोगों में उल्लास छाया रहा। आखिरी दिन पुष्पांजलि के दौरान फूलों से मां की आराधना की गई। मनोरंजन सदन में कलश स्थापना के कारण मूर्ति विसर्जन तो नहीं हुआ लेकिन, दुर्गा मूर्ति विसर्जन की परंपरा को पूरा किया। तत्पश्चात सिदूर उत्सव शुरू हो गया। इस मौके पर देवाशीष भट्टाचार्य, असीत बनर्जी, सजल गुप्ता समेत अन्य मौजूद रहे। कालीबाड़ी मंदिर, कांशीराम नगर में दुर्गा मां की पूजा गौरी शंकर भट्टाचार्य कराई। फूलों से मां का आह्वान किया गया। प्रसाद चढ़ाया और भंडारा किया गया। तत्पश्चात, विसर्जन यात्रा निकाली गई। मां दुर्गा की मूर्ति रामगंगा नदी में विसर्जित की गई। अध्यक्ष एके मित्रा ने बताया कि इस बार परंपरा न टूटे इसको लेकर समिति के लोगों ने ही विसर्जन यात्रा में हिस्सा लिया। सर्वोदय विकास समिति की ओर से मझोला से विसर्जन यात्रा निकाली गई। महिलाओं ने एक दूसरे के सिदूर लगाया। हर बार की तरह भीड़ नहीं थी लेकिन, उत्साह दुर्गा मां की विदाई के दौरान नजर आया। समिति के महासचिव डॉ.पीके विश्वास ने बताया कि विसर्जन यात्रा रामगंगा चट्टापुल पर समाप्त हुई। तत्पश्चात मूर्ति का विसर्जन किया गया।


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