अमरोहा के सिहाली गोसाई गांव में कब्रों के बीच गूंजती मां की आरती moradabad news
गांव का कब्रिस्तान उसमें चामुंडा देवी का मंदिर और उसके निकट मजार। मजार पर लोग दुआएं मांग रहे होते हैं तो मंदिर में मां की आरती की जा रही होती है
सौरव प्रजापति, गजरौला (अमरोहा): गांव का कब्रिस्तान, उसमें चामुंडा देवी का मंदिर और उसके निकट मजार। मजार पर लोग दुआएं मांग रहे होते हैं तो मंदिर में मां की आरती की जा रही होती है, लेकिन इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होती, बल्कि हिन्दू और मुसलमान एक-दूसरे के धार्मिक आयोजनों में बिना किसी भेदभाव और संकोच के बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
गांव की आबादी है 1500
अमरोहा जिले के गजरौला से पांच किमी दूर नौनेर-चकनवाला रोड पर बसे 1500 आबादी वाले गांव सिहाली गोसाई में हिंदू-मुस्लिम मिलजुल कर रहते हैैं। कब्रिस्तान के बीचों-बीच मां चामुंडा देवी का मंदिर है। इसमें होने वाले आयोजनों में मुसलमान बढ़चढ़कर भाग लेते हैैं। हिन्दू की शव यात्रा में शामिल होकर मुसलमान गंगा नदी तक जाते हैैं तो मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति की मौत होने पर हिन्दू कब्रिस्तान पहुंचते हैं। गांव की महिला शकीला कहती हैं कि गाय या भैंस के बियाने पर उसका पहला दूध (खीज) चामुंडा मंदिर में ही चढ़ाते हैं। बुजुर्ग मास्टर अब्दुल सलाम गर्व से बताते हैैं कि गांव में भाईचारा बहुत है। आज तक कभी कोई मजहबी विवाद नहीं हुआ।
तब बनी थी आपसी सहमति
गांव के बुजुर्ग 80 वर्षीय फूल सिंह बताते हैैं कि करीब 45 साल पहले वर्ष 1974 में यहां सलेमपुर रियासत का बाग हुआ करता था। उस बाग में एक चबूतरे पर चामुंडा देवी स्थापित थीं। बाग कटने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने इस जमीन की घेराबंदी कर कब्रिस्तान बना दिया। एक दिन रात में किसी शरारती तत्व ने चबूतरे को ध्वस्त कर दिया। तब आसपास आबादी नहीं थी। कुछ ही कच्चे मकान थे। उस समय कुछ लोगों ने माहौल बिगाडऩे की कोशिश की, लेकिन आपसी सहमति बनी और पुलिस प्रशासन ने चामुंडा देवी के चबूतरे की मरम्मत कराते हुए उसके चारों तरफ पक्की दीवार बनवा दी थी। इसके कुछ समय बाद ही मंदिर के पास एक मजार बना दिया गया। मंदिर और उसके पास मजार होने के बावजूद आज तक कोई धार्मिक विवाद सामने नहीं आया।
जय सिंह करते हैं मंदिर व मजार की सफाई
गांव के जय सिंह की यूं तो कपड़ों की दुकान है, लेकिन वह धार्मिक कार्यों में अधिक रुचि रखते हैं। उनका ज्यादा समय सरस्वती शिशु मंदिर में ही गुजरता है। सुबह-शाम कब्रिस्तान में बने चामुंडा देवी मंदिर और नजदीक बने मजार पर भी साफ-सफाई करते हैं।
धार्मिक कार्यक्रमों में लेते हैं बढ़-चढ़कर
ग्राम प्रधान लखपत सिंह ने बताया कि गांव में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग एक-दूसरे के धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
कभी नहीं सुनी शिकायत
प्रभारी निरीक्षक गजरौला नीरज कुमार ने कहा कि धर्मस्थलों को लेकर भेदभाव की शिकायत कभी नहीं सुनी।