गोली मारकर बना दिया था दिव्यांग, दो को उम्रकैद Moradabad News
एडीजे-11 की कोर्ट ने ट्रांसपोर्टर को गोली मारने के मामले में सुनाया फैसला। आठ अप्रैल 2014 को ट्रांसपोर्टर सुमित सिंह संधू को मारी गई थी गोली।
मुरादाबाद। ट्रांसपोर्टर के बेटे को गोली मारकर दिव्यांग बनाने वाले दो आरोपितों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही प्रत्येक दोषी पर दो लाख दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की आधी धनराशि पीडि़त को देने का आदेश दिया।
आठ अप्रैल 14 में हुई थी घटना
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मधूरानी चौहान ने बताया आठ अप्रैल, 14 को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के चंद्रनगर निवासी ट्रांसपोर्टर गुरदीप सिंह के 24 वर्षीय बेटे सुमित सिंह संधू को गोली मारी गई थी। पुलिस ने इस मामले में मझोला थाना क्षेत्र के सम्राट अशोक नगर निवासी रचित पाल व बैंक कॉलोनी निवासी वरुण ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दोनों आरोपितों का होली पर रंग खेलने के दौरान पीडि़त सुमित सिंह संधू से विवाद हो गया था। इसी बात का बदला लेने के लिए आठ अप्रैल, 14 को जब सुमित अपने घर लौट रहा था, उसी समय रामचंद्र शर्मा कन्या इंटर कॉलेज के पास वरुण और रचित ने तमंचे गोली मारकर घायल कर दिया था।
दोनों पैर हो गए दिव्यांग
गोली रीढ़ की हड््डी में लगने के साथ ही पीडि़त दोनों पैरों से दिव्यांग हो गया। इस हादसे के बाद से वह सुमित कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया। पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने के बाद कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। सोमवार को एडीजे-11 सत्यप्रकाश द्विवेदी की कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए दोषी वरुण ठाकुर और रचित पाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही प्रत्येक दोषी पर दो लाख 10 हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया। जुर्माने की कुल धनराशि चार लाख बीस हजार रुपये से आधी रकम पीडि़त को देने का आदेश दिया है।
पीडि़त के पिता की सदमे से हुई मौत
गाली लगने से घायल हुए सुमित सिंह संधू के पिता गुरदीप सिंह की इस घटना के कुछ दिनों बाद मौत हो गई थी। बेटे के दिव्यांग होने का सदमा वह बर्दास्त नहीं कर पाए थे।