छात्रा से दुष्कर्म में शिक्षामित्र को 10 साल की कैद, गर्भवती होने पर सामने आई थी सच्चाई
10 years imprisonment in misdeed छह माह का गर्भ होने पर शिक्षामित्र की करतूस सामने आई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जहां से बाद में वह जमानत पर छूट गया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। 10 years imprisonment in misdeed। छात्रा से दुष्कर्म के मामले में दोषी शिक्षामित्र को पाक्सो एक्ट न्यायालय की विशेष न्यायाधीश नीलू मोगा ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा 25 हजार का जुर्माना भी डाला है। जुर्माने की आधी रकम पीड़िता को दिए जाने के आदेश दिए हैं।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार सक्सेना के मुताबिक दुष्कर्म का रामपुर का यह मामला पटवाई थाना क्षेत्र में पांच साल पहले हुआ था। थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने शिक्षामित्र दर्शन लाल के खिलाफ बेटी से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। उनकी 15 साल की बेटी के साथ शिक्षामित्र ने डरा धमकाकर दुष्कर्म किया था। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इससे छात्रा डर गई थी और उसने किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन छह माह का गर्भ होने पर शिक्षामित्र की करतूस सामने आई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जहां से बाद में वह जमानत पर छूट गया था। पुलिस ने विवेचना पूरी कर उसके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियाेजन की ओर से शिक्षा मित्र के खिलाफ कई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। पीड़िता ने भी उसके खिलाफ गवाही दी थी।
घटना के बाद टूट गया था परिवार
छात्रा के साथ हैवानियत की बात सामने आने पर परिवार पूरी तरह टूट गया था। इस सदमे से उबरने में उन्हें काफी वक्त लग गया। आज भी उस मनहूस घड़ी को यादकर परिवार सिहर जाता है। घटना के बाद छात्रा भी काफी सहय तक डरी सहमी रही थी।