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नवाब खानदान की सात सौ करोड़ की संपत्ति हो गई खुर्दबुर्द, पक्षकारों ने जताई आपत्ति

Seven hundred crores assets of Nawab Family destroyed बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई है। उन्होंने संपत्ति के सर्वे और मूल्यांकन के लिए एडवोकेट कमिशनर नियुक्त किए थे जिन्होंने मूल्यांकन रिपोर्ट दी है। कुल संपत्ति 26 सौ करोड़ से ज्यादा की बताई गई है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 09:04 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 09:04 AM (IST)
नवाब खानदान की सात सौ करोड़ की संपत्ति हो गई खुर्दबुर्द, पक्षकारों ने जताई आपत्ति
नवाब खानदान के बंटवारे के मामले में जिला जज की अदालत में हुई सुनवाई।

रामपुर, जेएनएन। Seven hundred crores assets of Nawab Family destroyed। नवाब खानदान के बंटवारे के मामले में सोमवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान पक्षकारों ने आपत्ति दाखिल की। नवाब मुर्तजा अली खां के पुत्र मुहम्मद अली खां उर्फ मुराद मियां और बेटी निगहत बी पर संपत्ति को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाते हुए सात सौ करोड़ का मुतालवा किया।

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कहा कि इनके कब्जे में सारी संपत्ति थी, लेकिन देखरेख के अभाव में खुर्दबुर्द हो गई। फसल और बागों की पैदावार के रूप में हुई आमदनी की रकम भी दिलाने की मांग की। साथ ही 49 एकड़ जमीन भी खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाया। रामपुर में नवाब खानदान की 26 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। इसके बंटवारे को लेकर लंबे समय से मुकदमेबाजी चल रही थी। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए। साथ ही खुर्दबुर्द हुई संपत्ति की वसूली करने को भी कहा था। संपत्ति में 18 हिस्सेदार रहे, जिनमें दो की मौत हो चुकी है। सोमवार को मूल्यांकन रिपोर्ट पर पक्षकारों से आपत्ति मांगी गई। तलत फात्मा हसन आदि की ओर से पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने आपत्ति दाखिल की, जिसमें कहा कि रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खां की 1966 में मौत हो गई थी। इसके बाद से ही सारी संपत्ति पर मुर्तजा अली खां और उनके बेटे मुराद मियां और बेटी निगहत बी काबिज रहे। आरोप लगाया कि संपत्ति की देखरेख न होने की वजह से खुर्दबुर्द हो गई।

26 सौ करोड़ से ज्‍यादा की है संपत्ति

अचल संपत्ति की कीमत 64 करोड़ आंकी गई है, लेकिन अब इसकी कीमत बहुत कम है। इसी तरह कोठी खासबाग 100 करोड़ की थी, लेकिन अब इसकी इमारत की कीमत कुल 179120000 आंकी गई है। कोठी खासबाग की जमीन 406.133 एकड़ थी, लेकिन अब 350.668 एकड़ ही रह गई है। इसमें से 13 एकड़ जमीन आवास-विकास को दी गई है। 49.335 एकड़ जमीन कम है। हर साल 86 लाख 50 हजार 536 रुपये की फसल आमदनी बताई गई है। इस तरह 1966 से अब तक 467128944 रुपये की आमदनी हुई। इसी तरह जमीन में उगी फसल से भी अब तक 1726740000 रुपये की आमदनी हुई। एवान ए रफत की बिल्डिंग की कीमत 59590000 रुपये आंकी गई है, जबकि यह कोठी भी सौ करोड़ की है। इसी तरह कोठी लक्खी बाग शाहबाद, कोठी बेनजीर बाग, कुंडा और नवाब रेलवे स्टेशन की इमारतों को भी खुर्दबुर्द करने का आरोप है। कुल मिलाकर 706 करोड़ 31 लाख 20 हजार 376 रुपये का मुतालवा किया गया है। निगहत बी और मुराद मियां के अधिवक्ता ने इस आपत्ति पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। मंगलवार को फिर सुनवाई होगी। अदालत इस मामले लगातार सुनवाई कर रही है। इस मामले में कई और लोगों ने भी नवाब हामिद अली खां का वारिस बताते हुए हिस्सेदारी की मांग की है। सिविल जज के यहां भी मुकदमा कर रखा है। सोमवार को फिर एक महिला की ओर से जिला जज की अदालत में अर्जी लगाई गई।


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