सवा सौ करोड़ की आबादी में सात करोड़ घरों में लगे सेट-टॉप बाक्स Moradabad News
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने बताया फरवरी 2020 तक 73400645 घरों में लगे सेट-टॉप बाक्स। आरटीआई के सवाल पर दिया भारत सरकार के मंत्रालय ने जवाब।
रितेश द्विवेदी (मुरादाबाद)देश को टीवी से केबल नेटवर्क तक पहुंचने में लंबा समय लगा था लेकिन, केबल टीवी से डॉयरेक्ट टू होम सर्विस की सेवा में ज्यादा वक्त नहीं लगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर साल 2018 में सेट-टॉप बाक्स लगाने के लिए अभियान चलाया गया था। इस संबंध में दैनिक जागरण ने सूचना प्रसारण मंत्रालय से आरटीआई के माध्यम से कुछ सवाल किए थे, जिसमें 20 फरवरी 2020 को मंत्रालय के अवर सचिव विजय सचदेवा ने आरटीआई के दो सवालों का जवाब दिया। पहले सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि देश में फरवरी 2020 तक 7,34,00645 घरों में सेट-टॉप बाक्स लगाए गए हैं। जबकि अन्य सवालों के जवाब में उन्होंने आरटीआई को संबंधित विभागों को भेजे जाने की जानकारी दी। सूचना प्रसारण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2012 में देश में लगभग 15 करोड़ लोगों के घरों में टीवी था,जिसमें मात्र 25 फीसद लोग ही डीटीएच सेवा का लाभ लेते थे,जबकि 51 फीसद लोग केबल टीवी से चैनलों को देखा करते थे। ट्राई के निर्देश के बाद केबिल संचालकों को दिसंबर 2018 तक सभी घरों में सेट-टॉप बाक्स लगाने के निर्देश दिए गए थे। उस दौरान यह भी दावा किया गया था,कि जो लोग जितने चैलन देखेंगे,उन्हें उतना ही पैसा देना पड़ेगा। लेकिन इस सेवा के बाद भी केबिल टीवी नेटवर्क के मुकाबले सेट-टॉप बाक्स सेवा के दर्शक कम हो गए।
देश में चार कंपनी डीटीएच की सेवा प्रदाता
आरटीआई पर सूचना प्रसार मंत्रालय ने जवाब देते हुए बताया कि देश में डीटीएच सेवा केवल चार कंपनियों के द्वारा प्रदान की जाती है। जिसमें डिस टीवी इंडिया लिमिटेड,टाटा स्काई लिमिटेड,भारती टेलीकॉम लिमिटेड के साथ ही सन डॉयरेक्ट टीवी लिमिटेड शामिल हैं। इसके बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय में कोई भी कंपनी पंजीकृत नहीं है।
जनपद में एक लाख घरों में सेट-टॉप बाक्स लगे
मुरादाबाद जनपद में सेट-टॉप बाक्स सेवा शुरू होने के बाद केबल टीवी के दर्शक कम हो गए हैं। मौजूदा समय में जनपद में चार केबल संचालकों के द्वारा सेट-टॉप बाक्स की सेवा दी जा रही है। इन चारों कंपनियों ने मिलकर लगभग एक लाख लोगों के घरों में सेट टॉपबाक्स लगाने का काम किया है। वहीं इन कंपनियों के संबंध में मनोरंजन कर विभाग के पास भी कोई विस्तृत जानकारी नहीं है।