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आजम खां को मुसीबत में देख चुनावी दंगल में कूदीं तजीन Rampur news

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद से सांसद आजम खां मुसीबत में बसे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 03:22 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 04:22 PM (IST)
आजम खां को मुसीबत में देख चुनावी दंगल में कूदीं तजीन Rampur news
आजम खां को मुसीबत में देख चुनावी दंगल में कूदीं तजीन Rampur news

मुस्लेमीन, रामपुर : हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद से सांसद आजम खां मुसीबत में बसे हैं। उनके खिलाफ जमीन कब्जाने, मकान तोडऩे, लूटपाट, हत्या और हत्या के प्रयास आदि आरोपों में 84 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। प्रशासन ने उन्हें भू-माफिया भी घोषित कर दिया है। हालात यह हैं कि उन्हें रामपुर से बाहर रहना पड़ रहा है। अब रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। ऐसे में अपने पति को मुसीबत में देख राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा भी विधायक बेटे अब्दुल्ला के साथ आगे आई हैं। प्रशासन का शिकंजा कसता है तो वह मीडिया के सामने भी आती हैं। जबकि पहले वह न तो मीडिया से मिलती थीं और न ही किसी जनसभा में बोलती थीं। अब वह चुनावी दंगल में भी कूद गईं हैं। पहली बार किसी चुनाव में वह जनता के सामने जाएंगी। 

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घर बैठे बन गईं थी राज्यसभा सदस्य 

डॉ. तजीन फात्मा डिग्री कालेज में प्रोफेसर रही हैं लेकिन, 2014 में पति आजम ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनवा दिया। तब वह घर बैठे ही सांसद बन गईं थीं। अब वह पहली बार जनता के बीच जाकर कोई चुनाव लड़ रही हैं। आजम भी पूरे चुनावी परिदृश्य से गायब हैं। ऐसे हालात में नतीजे कैसे रहेंगे, यह तो परिणाम आने पर ही पता चल सकेगा लेकिन, आजम की पत्नी के मैदान में आने से रामपुर का उपचुनाव दिलचस्प हो गया है।

सिर्फ बकरीद पर नजर आए थे आजम

पिछले ढाई माह के दौरान केवल बकरीद पर रामपुर में नजर आए। सपा मुखिया अखिलेश यादव के रामपुर दौरे पर भी वह मंच से गायब रहे। रामपुर में उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला ही अपनी मां राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा मोर्चा संभाले हैं।  

सपा का मजबूत किला रहा है रामपुर

रामपुर सपा का मजबूत किला रहा है। आजम खां नौ बार रामपुर शहर के विधायक रह चुके हैं। जिले में भी सपा की स्थिति मजबूत रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की पांच में से तीन सीटों पर सपा जीती थी। शहर से खुद आजम, स्वार-टांडा से उनके बेटे अब्दुल्ला और चमरौआ से आजम के सबसे करीबी दोस्त नसीर अहमद खां विधायक बने। आजम अब सांसद बन गए। इसके बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। तब से ही रामपुर शहर विधानसभा सीट खाली है और अब यहां उपचुनाव हो रहा है। 

नामांकन कराने कलेक्ट्रेट भी नहीं पहुंचे

आजम खां इन दिनों बड़ी मुसीबत में हैं। उनके खिलाफ लगातार मुकदमे हो रहे हैं। हालांकि 29 मुकदमों में हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है लेकिन, उनके खिलाफ संगीन धाराओं में और भी मुकदमे हैं, जिनमें कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है। ऐसे में वह रामपुर शहर से भी दूरी बनाए हैं। पत्नी का नामांकन कराने कलेक्ट्रेट तक भी नहीं आए। हालांकि सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। सपा नगराध्यक्ष आसिम राजा ने बताया कि उनकी तबियत खराब है, इसलिए सपा कार्यालय तक आए, कलेक्ट्रेट तक नहीं पहुंच सके। आजम खां के बेटे अब्दुल्ला कहते हैं कि हमारा वोटर हमारे साथ है और हमें पूरी उम्मीद है कि हमारी शानदार जीत होगी। 


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