सिक्योरिटी गार्ड ने मरने से पहले पुलिस को बताए हत्यारों के नाम, चुनावी रंजिश और राशन दुकान की सियासत में की गई थी हत्या
Security Guard Murder Case of Moradabad पुलिस की अब तक की छानबीन में यह बात सामने आई है कि प्रधानी और राशन की दुकान की सियासत में ही सिक्योरिटी गार्ड सुरेंद्र सिंह की हत्या हुई है। घटना के बाद सुरेंद्र सिंह का वीडियो वायरल हुआ है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Security Guard Murder Case of Moradabad : पुलिस की अब तक की छानबीन में यह बात सामने आई है कि प्रधानी और राशन की दुकान की सियासत में ही सिक्योरिटी गार्ड सुरेंद्र सिंह की हत्या हुई है। घटना के बाद सुरेंद्र सिंह का जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें वह हत्यारोपितों के नाम साफ बता रहे हैं। सुरेंद्र सिंह ने मृत्यु पूर्व अपने बयान में कहा है कि मित्रपाल के लड़के और अनीस ने उसे गोली मारी है। पुलिस ने देर शाम अनीस को हिरासत में ले लिया।काफियाबाद गांव निवासी हरि सिंह ने बताया की पंचायत चुनाव में गांव से प्रधान पद के लिए पूर्व प्रधान आशीष कुमार और गोपाल सिंह चुनाव में उतरे थे।
सिक्योरिटी गार्ड सुरेंद्र सिंह ने आशीष कुमार को चुनाव में समर्थन दिया था। पूर्व प्रधान आशीष कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर उदय पाल सिंह की हत्या कर दी थी। सभी आरोपित जेल में है। उदय पाल सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए उसके पुत्र रोहित व तहेरे भाई जितेंद्र और परिवार के सदस्य सचिन ने अपने साथियों के साथ मिलकर सिक्योरिटी गार्ड सुरेंद्र सिंह की हत्या कर दी। गांव के राजेंद्र सिंह ने बताया कि वह मजदूरी करने के लिए साइकिल से जा रहा था। घटना से 20 मीटर दूरी पर था। तभी मोटरसाइकिल पर सवार उदय पाल सिंह के पुत्र रोहित के साथ पांच वहां आए।
उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड सुरेंद्र सिंह पर फायर कर दिया। मैंने सामने की ओर देखा तो सुरेंद्र सिंह गन्ने के खेत और भाग रहा था। पीछे से यह लोग गोली बरसा रहे थे। गोली मारने के बाद आरोपित भाग निकले। भोजपुर थाना प्रभारी राशिद अली ने बताया कि घायलअवस्था में सुरेंद्र सिंह की वीडियो वायरल हो रही है। इसमें वह मित्रपाल से लड़के और घोसीपुरा गांव के अनीस पर गोली मारने का आरोप लगा है। घोसीपुरा गांव से अनीस भी राशन डीलर है। वर्तमान में काफियाबाद का प्रधान सुरेंद्र सिंह से राशन की दुकान हटवाकर अनीस को ही दिलाना चाहता था।
बेसहारा हो गए बेटे मासूमः गांव की सियासत में सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद उनकी पत्नी सुखलेश और बेटे मंयक और तनु बेसहारा हो गए। सुरेंद्र सिंह अनुसूचित जाति से हैं। पुलिस के मुताबिक पत्नी ने कई बार उनके गांव की सियासत से दूर रहने के लिए कहा था। सुखलेश ने बताया कि पति की हत्या होने का उन्हें अंदेशा नहीं था। सुरेंद्र सिंह शुक्रवार की शाम को ड्यूटी पर जाते वक्त घर जल्द लौटने का वादा करके गए थे। लेकिन, उन्हें क्या पता था कि अब कभी सुरेंद्र घर ही नहीं लौटेंगे। देर शाम को सुरेंद्र का शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया।
एसपी देहात व सीओ ने गांव पहुंचे, पुलिस बल तैनात : सिक्योरिटी गार्ड सुरेंद्र सिंह की हत्या से काफियाबाद गांव में तनाव का माहौल है। एसपी देहात व सीओ डा. अनूप कुमार यादव गांव पहुंचे। उन्होंने गांव वासियों को उनकी जान-माल सुरक्षा का भरोसा दिया। थाना भगतपुर, थाना डिलारी, थाना भोजपुर पुलिस के सभी थानाध्यक्ष और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी गांव में तैनात कर दिया गया है।
हत्या के बाद मृतक के मकान पर लटका रहा ताला : सिक्योरिटी गार्ड सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद उसके मकान पर ताला लटका रहा। हत्या के बाद से पत्नी बच्चों को भी जान माल का खतरा है। ग्रामीणों का कहना है कि आरोपित मृतक के स्वजन पर फैसला करने का दबाव बना सकते हैं। इसलिए मृतक के परिजनों की सुरक्षा बहुत जरूरी है।