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विश्वासघात व बगावत से तीन दिन तक सुलगता रहा सिक्योरिटी गार्ड का घर

मुरादाबाद रिश्ते में विश्वासघात फिर बगावत की आग ने सिक्योरिटी गार्ड के भरे पूरे घर को

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 02:38 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 02:38 AM (IST)
विश्वासघात व बगावत से तीन दिन तक सुलगता रहा सिक्योरिटी गार्ड का घर
विश्वासघात व बगावत से तीन दिन तक सुलगता रहा सिक्योरिटी गार्ड का घर

मुरादाबाद : रिश्ते में विश्वासघात फिर बगावत की आग ने सिक्योरिटी गार्ड के भरे पूरे घर को जलाकर राख कर दिया। इसका कुसूरवार कोई और नहीं बल्कि अपने ही बड़े पुत्र का खून बहाने का आरोपित सिक्योरिटी गार्ड है।

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मूलरूप से मझोला थाना क्षेत्र निवासी दुष्कर्म पीड़िता के मुताबिक उसका विवाह 16 जनवरी 2020 को घर से कुछ ही दूर पर रहने वाले निजी अस्पताल में वार्ड ब्वाय के रूप में काम करने वाले सिक्योरिटी गार्ड के बेटे से हुआ था। पति के दोनों छोटे भाई व एक ननद अभी अविवाहित हैं। 25 नवंबर की रात अकेले पाकर ससुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया। सास के घर लौटते ही उसने आप बीती सुनाई। दुष्कर्म की घटना आम होते ही पूरा परिवार दो फाड़ हो गया। आरोपित ससुर व उसका छोटा पुत्र एक पाले में खड़े हो गए। दूसरे पाले में परिवार के अन्य सदस्य थे। सिक्योरिटी गार्ड से उसके मझले बेटे, पत्नी, बेटी व बहू की तकरार शुरू हुई। आसपास रहने वालों ने बताया कि तीन दिन से घर में खूब झगड़े की आवाजें आ रही थीं। शनिवार को बहू से दुष्कर्म का आरोपित ससुर अपने ही बेटे का खून करके घर से भाग निकला।

पीड़िता का पति जब घर लौटा उसके बाद मामले ने पकड़ा तूल

स्वजनों ने यदि सूझबूझ का परिचय दिया होता तो संभव था कि दुष्कर्म पीड़िता विधवा नहीं होती। उसके पति की जान बच गई होती। दुष्कर्म पीड़िता ने 26 नवंबर को ही सास, देवर व ननद से आप बीती बता दी। तब प्रकरण पुलिस के पास ले जाने की बजाय ससुराली आपस में ही उलझ गए। सभी दुष्कर्म पीड़िता के पति के घर वापस लौटने का इंतजार करने लगे। हालांकि इसे दुष्कर्म पीड़िता द्वारा घर की लाज बचाने की कोशिश भी कही जा रही है। दुष्कर्म पीड़िता के पति के लौटते ही प्रकरण ने तूल पकड़ लिया। पहले ही पुलिस को सूचना दे दी होती तो पति के आने से पहले दुष्कर्म का आरोपित ससुर जेल में होता।

औलाद ही नहीं समझा तो काहे का बाप

दिल्ली रोड स्थित एपेक्स अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड का मझला बेटा विधवा हुई भाभी के आंख के आंसू पोछने में जुटा रहा। इस बीच किसी ने उससे पूछा कि तुम्हारा पिता कहां है? तब युवक ने तपाक से कहा। काहे का बाप। जिसने अपने बेटे का खून किया, मैं पिता क्यों कहूं। पिता ने नहीं मैंने मारी गोली

वारदात के बाद मझोला पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पूछताछ में पता चला कि वारदात के वक्त सिक्योरिटी गार्ड का पूरा परिवार घटनास्थल पर मौजूद था। घटना के बाद आरोपित और छोटा बेटा घर से भाग निकले। पुलिस के घर आने की भनक लगते ही सिक्योरिटी गार्ड का छोटा बेटा लौटा आया। जिस रिवाल्वर से उसके बड़े भाई को गोली मारी गई थी, उसने पुलिस को सौंपी दी। रिवाल्वर सौंपते वक्त उसने कहा कि बड़े भाई को पिता ने नहीं मैंने गोली मारी है। पुलिस भांप गई कि कत्ल में मददगार आरोपित पिता का गुनाह अपने सिर लेने की कोशिश कर रहा है। पेट में लगकर बाहर निकल गई गोली

पुलिस की फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। मौके से दो खोखे व एक बुलेट बरामद हुआ। दूसरा बुलेट नहीं मिला। छानबीन में पता चला कि सिक्योरिटी गार्ड ने कमर से ऊपर दाहिनी तरफ पुत्र के पेट में गोली मारी। गोली पीठ में बाएं तरफ कमर के ऊपर से होकर बाहर निकल गई। तो कत्ल के बाद कचहरी में बैठा कातिल

पुत्र की हत्या का आरोपित अभी फरार बताया जा रहा है। हालांकि, वारदात के बाद से ही सिक्योरिटी गार्ड के रिश्तेदार व करीबी कातिल के कचहरी परिसर में बैठे होने का दावा कर रहे थे। स्वजनों के मुताबिक कत्ल के बाद छोटे बेटे को रिवाल्वर देकर सिक्योरिटी गार्ड मुरादाबाद कचहरी में चला गया। इसकी पुष्टि के लिए पुलिस ने कचहरी परिसर की छानबीन भी की, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लगा। मझोला थाने के अपराध निरीक्षक अवधेश कुमार ने बताया कि सिक्योरिटी गार्ड के छोटे बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। गार्ड फिलहाल फरार है।


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