Move to Jagran APP

इबादत के साथ बीमारियों से भी बचाता है रोजा, खूबियां जान आप भी रह जाएंगे दंग Rampur News

मोटापा जो दुनियाभर के लिए एक आम बीमारी बनती जा रही है। इसका बेहतरीन इलाज भी रोजा है। इंसान की सेहत के लिए फायदेमंद है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 07:02 AM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 07:40 AM (IST)
इबादत के साथ बीमारियों से भी बचाता है रोजा, खूबियां  जान आप भी रह जाएंगे दंग  Rampur News
इबादत के साथ बीमारियों से भी बचाता है रोजा, खूबियां जान आप भी रह जाएंगे दंग Rampur News

रामपुर (मुस्लेमीन)। रोजा रखना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। यह पेट की तमाम बीमारियों पर कंट्रोल करता है। इंसान को कई बीमारियां पेट की खराबी की वजह से होती हैं, जो रोजा रखने से दूर हो जाती हैं। लेकिन, रोजेदार के जिस्म में पानी की कमी न होने पाए, इसपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

loksabha election banner

भारतीय संस्कृति का हिस्सा है उपवास

प्राचीन काल से ही उपवास (रोजा) भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि ज्यादा भोजन मोटापा सहित कई बीमारियों की वजह बन जाता है। इसलिए बीच-बीच में रोजा रखना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। मुसलमान तो पूरे रमजान माह रोजे रखते हैं। आजकल गर्मी में भी तमाम मुसलमान रोजे रख रहे हैं।

शहर के मशहूर डॉ. सैयद मुहम्मद रजी कहते हैं कि गर्मी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए रोजेदारों को इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए। इफ्तार और सहरी में पानी पीने के साथ ही फलों और जूस का खूब इस्तेमाल करें। वह कहते हैं कि रोजा अल्लाह की इबादत के साथ ही इंसान की सेहत के लिए फायदेमंद है। रोजा पेट की तमाम बीमारियों पर कंट्रोल करता है। एक आदमी को अपना वजन कम करने में डायङ्क्षटग के मुकाबले रोजा रखने से ज्यादा फायदा होता है।

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है रोजा

शुगर, थायराइड और हार्मोन रोग विशेषज्ञ डॉ. रजी का कहना है कि रोजा कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के साथ ही पेट की तमाम बीमारियों को दूर करता है। डायबटीज के मरीज भी रोजा रख सकते हैं, लेकिन शुगर लेबल 100 से कम और 200 से ज्यादा न हो। इफ्तार में ताजे फल, दही और सलाद का इस्तेमाल करें। नीबू पानी भी पीएं। मीठी चीजों का परहेज करें।

इफ्तार में ज्यादा न खाएं

लंबे समय तक खाली पेट रहने के बाद अक्सर लोग इफ्तार के दौरान एक साथ ज्यादा खा लेते हैं। ऐसा करना सेहत के लिहाज से ठीक नहीं है। इफ्तार में हल्का खाकर मगरिब की नमाज पढ़ें और फिर करीब एक घंटे बाद भरपेट खाना खाएं। इफ्तार में फल, दही, भीगे हुए अनाज, सलाद, कस्टर्ड आदि खाया जा सकता है। पकौड़ा, पापड़, फुल्की व तली हुई चीजें खाने से बचना चाहिए। रोजा सादे पानी या खजूर से खोलना चाहिए। नीबू पानी व म_ा खूब पीना चाहिए। म_े में कैलोरी सबसे कम और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होने के साथ ही फैट बिल्कुल नहीं होता है। सहरी में तो बहुत ही हल्का भोजन लेना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.