यूपी में बड़ा हादसा : रोडवेज बस व बोलेरो की भिड़ंत में मासूम समेत आठ श्रद्धालुओं की मौत
सम्भल के गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र में रोजवेज बस और बोलेरो की भिड़ंत में आठ लोगों की मौत हो गई। कासगंज के लोग बोलेरो से नैनीताल सत्संग में शामिल होने जा रहे थे।
मुरादाबाद (जेएनएन) : सम्भल की गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र में नरौरा मार्ग पर काली मंदिर के निकट तेज रफ्तार सिकंद्राबाद डिपो की रोडवेज बस और बोलेरो की भिड़ंत हो गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि बोलेरो में सवार मासूम समेत छह लोगों की मौत हो गई तथा कई बच्चों समेत 14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। रोडवेज बस का चालक हादसे के बाद भाग गया।सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक, सीओ गुन्नौर, एसडीएम व कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुन्नौर भेजने की व्यवस्था की। जहां से उन्हें मुरादाबाद रेफर कर दिया।
मेरठ के सरधना सत्संग में जा रहे थे
कार में सवार लोग मेरठ के सरधना में सत्संग में शामिल होने के लिए जा रहे थे। कासगंज जिले के गांव धरफरी निवासी राजेश्वरी पत्नी बबलू, अलीगढ़ निवासी मीरा पत्नी सोरन सिंह, सरस्वती पुत्री सौरन सिंह, कासंगज के गांव धरफरी निवासी रोशनी पुत्री छोटे, अमृता पत्नी विजेंद्रपाल, संदीप पुत्र मलखान, प्रशांत पुत्र सौरन, रसिस पुत्र भीकेंद्र पाल, अलीगढ़ जिले के गांव बिनौली निवासी अभिषेक, संजेरा, रवि पुत्र सौरन पाल सभी लोग शुक्रवार की सुबह नैनीताल सत्संग में शामिल होने के लिए बोलेरो से जा रहे थे।
आमने-सामने से हुई बस व बोलेरो की भिड़ंत
बोलेरो गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र के नरौरा मार्ग पर काली मंदिर के निकट पहुंची तो गुन्नौर की तरफ से आ रही तेज रफ्तार सिकंद्राबाद डिपो की रोडवेज बस से भिड़ंत हो गई। हादसे के बाद बुलेरो चकनाचूर हो गई।उसमें में सवार हरदेवी, सौरन, राजेश की मौके पर मौत हो गई जबकि अन्य लोग घायल हो गए। घायलों में सबसे ज्यादा मासूम बच्चे है। बोलेरो में 20 लोग सवार थे। लोगों की सूचना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची।पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद, सीओ गुन्नौर गमलेश्वर विल्टोरिया, एसडीएम ओमवीर सिंह, गुन्नौर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अता मोहम्मद मौके पर पहुंचे। घायलों का हाल चाल जाना। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
हादसे में इन लोगों की हुई मौत
चंद्रकला पत्नी ओमप्रकाश निवासी हथायन जनपद हाथरस, अशोक पुत्र रामलाल निवासी बिनौला जनपद अलीगढ़, अनीशका पुत्री दिनेश निवासी बिनौला जनपद अलीगढ़, जिला कासंगज जिले के थाना मेहरार क्षेत्र के गांव धरफरी निवासी हरदेवी पत्नी महेंद्र सिंह, अलीगढ़ जिले के थाना विजयगढ़ निवासी सौरन सिंह पुत्र रामेश्वर, हाथरस जिले के गांव थाना हसायन क्षेत्र के गांव नगला पटवारी निवासी राजेश पुत्र ओमप्रकाश, सरस्वती पुत्री सोरन व रविकुमार पुत्र सोरन निवासी बिनौली अलीगढ़।
अस्पताल में मौजूद नहीं थे डॉक्टर
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आए दिन बढ़ती ही जा रही है। जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। हालत यह है कि बड़े सड़क हादसे होने के बाद भी डॉक्टर अस्पताल तक नहीं पहुंच रहे हैं। इससे सड़क हादसों में घायल मुरादाबाद जाते वक्त दम तोड़ देते है। शुक्रवार को भी रोडवेज बस और बोलेरो की टक्कर के बाद जैसे ही घायल गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे तो वहां पर डॉक्टर मौजूद नहीं थे। ऐसे में पुलिस को तीन निजी चिकित्सकों को मौके पर बुलाना पड़ा। सभी मरीजों को गंभीर हालत में उपचार के लिए मुरादाबाद रेफर कर दिया। भाई बहन ने रास्ते में दम तोड़ दिया। शायद अस्पताल में समय से उपचार मिल जाता तो शायद भाई बहन की जान बच सकती थी।
निजी चिकित्सकों को बुलाकर कराया उपचार
जिले में अक्सर आप लोगों ने ओपीडी के दौरान डॉक्टरों की न होने की बात सुनी होगी, लेकिन अब तो डॉक्टर बड़े सड़क हादसे होने के बाद भी अस्पताल तक नहीं पहुंच रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को सुबह गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला। हुआ यूं कि गुन्नौर के नरौरा पुल पर रोडवेज व बोलेरो कार में आमने-सामने से टक्कर हुई। इसमें छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 13 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों को उपचार के लिए पुलिस आनन-फानन में गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर आई। जहां पर डॉक्टर ही मौजूद नहीं थे। सूचना मिलते ही एसपी यमुना प्रसाद मौके पर पहुंच गए। एसपी ने प्रभारी निरीक्षक से कहकर आनन-फानन में गुन्नौर व बबराला के तीन निजी चिकित्सकों को अस्पताल में बुला लिया। उसके बाद उन्होंने डॉक्टरों से एक-एक मरीज का अपने सामने उपचार कराया। किसी मरीज को वह गोद में बैठाकर उपचार करा रहे थे तो किसी घायल के इंजेक्शन लगता तो वह खुद लगवा रहे थे। सभी सुविधाएं न मिलने के चलते निजी चिकित्सक भी कुछ खास नहीं कर सके। ऐसे में उन्होंने सभी की हालत गंभीर देखते हुए मुरादाबाद रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही रवि कुमार व इसकी बहन सरस्वती ने दम तोड़ दिया। खास बात यह रही कि न तो सीएमओ द्वारा अस्पताल में कोई डॉक्टरों की टीम भेजी गई न ही उन्होंने स्वयं मौके पर जाने की जहमत उठाई।
दीपावली और भैया दूज पर तो डॉक्टरों को किया जाता है सतर्क
अक्सर सुनने को मिलता हैं कि अगर कोई बड़ा त्योहार होता है तो सीएमओ जिले के अस्पतालों के डॉक्टरों को 24 घंटे अस्पताल में रहने के निर्देश देती है जिससे अगर कोई हादसा हो तो फिर घायलों को तत्काल उपचार मिल सकें, लेकिन भैया दूज के दिन भी गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की मौजूदगी न होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की पोल खोलने के लिए काफी हैं, लेकिन तमाम बार डॉक्टरों की लापरवाही सामने आने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने के चलते डॉक्टरों के हौसले बुलंद हो गए है।
कम पड़े स्ट्रेचर, घायलों को गोद में उठाकर लेकर गए पुलिस कर्मी
गुन्नौर थाना क्षेत्र के नरौरा पुल के पास सड़क हादसे में घायल हुए 13 लोगों को पुलिस ने आनन-फानन में उपचार के लिए गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करने के लिए लेकर पहुंच गई, लेकिन अस्पताल में स्ट्रेचर कम पड़ गए। ऐसे में पुलिस कर्मियों ने ही घायलों को गोद में उठाया और लेकर अस्पताल के अंदर पहुंच गए। इसके बाद जब घायलों को मुरादाबाद रेफर किया तो पुलिस कर्मियों के साथ एसपी यमुना प्रसाद ने भी बच्चों को गोद में उठाया और एंबुलेंस तक लेकर पहुंचे। एंबुलेंस के अंदर घुसकर मरीजों को लिटाने में भी मदद की। यह नजारा जिसने भी देखा इस कार्य की सराहना की।