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सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में घुसा संदिग्ध तो मच गया दिल्ली और लखनऊ तक हड़कंप

एक बार रामपुर के सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई। सीआरपीएफ के दारोगा की वर्दी पहनकर इटावा का युवक घुस गया तो रामपुर से लेकर दिल्ली और लखनऊ तक हड़कंप मच गया।

By Edited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 08:06 AM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 03:55 PM (IST)
सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में घुसा संदिग्ध तो मच गया दिल्ली और लखनऊ तक हड़कंप
सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में घुसा संदिग्ध तो मच गया दिल्ली और लखनऊ तक हड़कंप

 मुरादाबाद(जेएनएन)। एक बार रामपुर के सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई। सीआरपीएफ के दारोगा की वर्दी पहनकर इटावा का युवक घुस गया तो रामपुर से लेकर दिल्ली और लखनऊ तक हड़कंप मच गया क्योंकि सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात में भी आतंकी हमला हुआ था और सीआरपीएफ के सात जवान की जान चली गई थी। 

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पहन रखी थी सहायक उपनिरीक्षक की वर्दी, एक नंबर गेट से घुसा

यह पूरा मामला गुरुवार दोपहर दो बजे के आसपास का है। रामपुर के सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर गेट नंबर एक से एक युवक अंदर घुस गया। उसने सीआरपीएफ के एएसआइ (सहायक उप निरीक्षक) की वर्दी पहन रखी थी। इसके चलते किसी ने उससे पूछताछ नहीं की। 

हाव-भाव से हुआ शक तो जागे अफसर

सहायक उप निरीक्षक की वर्दी पहने इस युवक के साथ कुछ अन्य लोग भी थे, जिन्हें उसने परिजन बताया और उनके लिए गेस्ट हाउस खोलने के लिए बोलने लगा। पहले तो सीआरपीएफ के सुरक्षा कर्मियों ने उसे स्टाफ समझकर बात की। हाव-भाव से शक हो गया तो उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी तो ग्रुप सेंटर में हड़कंप मच गया। 

उच्चाधिकारी पहुंचे मौके पर, लिया हिरासत में 

आनन फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे और संदिग्ध युवक से पूछताछ की तो उसकी असलियत खुल गई। युवक एक सिविलियन था। हालांकि युवक ने इसके लिए माफी मांगी, लेकिन उसके इस तरह सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में घुसने को अधिकारियों ने गंभीरता से लिया और पुलिस बुलवा ली। पुलिस वहां पहुंच गई। सीआरपीएफ अधिकारियों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। 

इटावा जनपद का है आरोपित 

सिविल लाइंस कोतवाल सुधीर कुमार ने बताया कि युवक इटावा की मरथना तहसील के थाना बकेबर अंतर्गत जेहानी गांव का मोहित तिवारी पुत्र नरेश तिवारी है। वह सीआरपीएफ की वर्दी और बैच पहनकर अंदर दाखिल हुआ था। 

 दी थी सीआरपीएफ भर्ती की परीक्षा लेकिन रहा नाकाम

पूछताछ में पता चला है कि उसने पहले सीआरपीएफ भर्ती परीक्षा दी थी, जिसमें उसका नाम नहीं आया। पूछताछ में बताया कि उसने परिजनों को झूठ बोल दिया कि उसकी नौकरी लग गई है। परिजन उससे मिलने आ गए तो उसने यह हरकत की। उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा कोर्ट 

सिविल लाइंस कोतवाल सुधीर कुमार ने बताया कि शुक्रवार दोपहर में आरोपित को सिविल लांइस थाना ने अदालत में पेशी के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। फिलहाल, अब कोर्ट ही उसके भाग्य का फैसला करेगी कि आरोपित जेल जाएगा या फिर जमानत हो जाएगी। 

वर्ष 2007 की वो काली रात जब सात जवान हुए थे शहीद 

यहां बता दें कि सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकी हमला हुआ था। इसमें सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हुए थे। इसके बाद से सीआरपीएफ को अति संवेदनशील मानते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई। बावजूद इसके दो साल में अनजान व्यक्ति द्वारा घुसपैठ की यह दूसरी वारदात हुई है। 28 जुलाई 2017 को भी सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में अनजान व्यक्ति घुस गया था। उसे पकड़कर सिविल लाइंस पुलिस को सौंप दिया गया था। हालांकि बाद में उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त बताकर बरेली के मानसिक चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया था।


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