चौकीदार नईम की मदद के लिए सेवानिवृत्त फौजी आगे आए
वतन के लिए सब कुछ दान करने वाला जज्बा बिरलों में ही होता है
मुरादाबाद : वतन के लिए अपना सब कुछ दान करने वाला जज्बा बिरले लोगों में ही होता है। मझोला थाने के एक चौकीदार ने अपने एक माह का वेतन 1500 रुपये शहीद के परिजनों को भेजकर मिसाल कायम की। अपना मानदेय पुलवामा में शहीद परिवारों को दान करने की खबर पढ़कर रिटायर्ड फौजी ने उसकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।
मंगलवार को भोला सिंह की मिलक के चौकीदार मुहम्मद नईम आलम ने अपने पूरे महीने का मानदेय शहीदों के परिवारीजनों को दान दे दिया था, जबकि नईम आलम को मात्र 1500 रुपये ही मानदेय मिलता है। ऐसे में उनके लिए घर चलाना काफी मुश्किल होता। ऐसे में उन्होंने परिवार की परवाह न करते हुए वतन को तवज्जो दी। पुलवामा के शहीदों के आश्रितों की मदद की। बुधवार को दैनिक जागरण में खबर पढ़कर दीवान शुगर मिल पर मुख्य सुरक्षा अधिकारी के तौर पर तैनात सेवानिवृत्त फौजी कैप्टन नरेंद्र सिंह उनके घर पहुंचे। घर की हालत को देखकर उन्होंने चौकीदार को आर्थिक मदद दी है। कैप्टन का कहना है कि हम फौजियों के लिए यह गर्व की बात है कि सेना के अलावा भी ऐसे लोग हैं, जो देश को सबसे पहले रखते हैं। इसी बात को देखते हुए उन्होंने उसकी आर्थिक मदद की है। इस मौके पर उनके साथ शाहिद हुसैन भी थे। कहते हैं कि दो दूसरों की मदद करते हैं, उनकी मदद खुद भगवान करते हैं। चौकीदार की मदद करने के लिए रिटायर्ड फौजी नरेंद्र आगे आए हैं। अगर इसी तरह समाज में एक दूसरों की लोग मदद करने लगें तो शायद गरीबी पूरी तरह खत्म हो जाए।