सूरत-अहमदाबाद के कपड़ा बाजार में आई मंदी की क्या है वजह, अन्य राज्यों पर इसका क्या पड़ रहा असर
Textile Market Recession कपड़ा बाजार में आई मंदी ने पूरे देश में असर डालना शुरू कर दिया है। कपड़ों की खरीदारी में 70 फीसद की गिरावट देखी गई है। बाजार से खरीदार गायब हो गए हैं। ऐसे में सूरत और अहमदाबाद को आर्डर मिलना मुश्किल हो गया है।
सम्भल, (राघवेंद शुक्ल)। Textile Market Recession : सूरत-अहमदाबाद के कपड़ा बाजार में मंदी यूं ही नहीं है। पिछले कई माह से कपड़ा मार्केट के ये बड़े हब मंदी की चपेट में है। महाराष्ट्र में कोरोना ने बड़ा असर तो डाला ही है लेकिन स्थानीय स्तर पर बाजार से खरीदार गायब होना भी बड़ी वजह है। चन्दौसी कट पीस का बड़ा हब है और अन्य दिनों की तरह इस माह यहां से 70 प्रतिशत कारेाबार घटा। यानी बाजार में खरीदारी करने वाले लोग गायब हैं।
हर किसी की अपनी दिक्कतें हैं। इसके साथ ही शादियों के महंगे खर्च का भी असर। हाल यह है कि सहालग के इस माह में जहां दुकानों पर भीड़ रहती थी वहीं अब खरीदार घट गए हैं। इन सब पर कपड़ा बाजार में महंगाई, काटन के कपड़ों में 25 से 30 प्रतिशत दाम की बढोत्तरी ने भी असर डाला है। चन्दौसी में 200 से ज्यादा दुकानदार हैं।
जिनकी दुकानों से हर माह 3 से 3.5 करोड़ तक का कारोबार ही मुश्किल से हो पा रहा है जबकि पूर्व के सालों में इसी माह यह कारोबार चार से पांच करोड़ तक पहुंच जाता था। हाल यह है कि मंदी का असर ऐसा है कि यदि व्यापारी सूरत से दो गांठ कपड़ा का आर्डर करता है तो उसे 30 गांठ लेने का सुझाव दिया जाता है वह भी पैसे तब देने की बात होती है जब बिक जाए, लेकिन बाजार ही सूना है तो इसमें हाथ डालने को भी कोई तैयार नहीं है।
होल सेलर की दुकान में खरीदार कम : सहालग का महीना। शनिवार की दोपहर एक बजे। पिछले साल इसी माह इनकी दुकान में पैर रखने की जगह नहीं थी। इस बार तस्वीर अलग। भीड़ कम। खरीदार नदारद। दुकान के प्रोपराइटर व पूर्व सभासद सुशील कुमार लच्छी कहते हैं मंदी का असर है। बाजार में अब खरीदार कम हुए हैं। एक अनुमान है कि 70 प्रतिशत खरीदार घट गए। जब माल बिक नहीं रहा है तो आर्डर कहां से दे। आर्डर न देने का असर सूरत के कपड़ा कारोबार पर भी पड़ा है। वहां से मंदी दिखी तो देश में एक चर्चा छिड़ गई।
तीन माह बाद तो और भी मंदी : इस समय मंदी का असर है। ग्राहक नहीं है। जुलाई, अगस्त और सितंबर एक बार फिर ग्राहक घटेंगे। क्यों कि सहालग नहीं रहेगा। ऐसे में जो बिक्री अब हो रही है वह अगले तीन माह तक घट जाएगा। बाजार को थोड़ा सुधार होने के लिए अक्टूबर तक का इंतजार करना होगा।
काटन कपड़े के रेट में बढ़ोतरी : कपड़ा कारोबारी सुनील कुमार की दुकान खाली थी। मंदी को लेकर पूछने पर बोले कि ग्राहक घटे हैं। जब सामान बिका नहीं तो आर्डर कहां से दें। काटन के कपड़े का रेट भी 25 से 30 प्रतिशत बढ़ गए हैं। पुराना माल खपा रहे हैं। जब वह बिक जाए तो अगले का का आर्डर दे।