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Ration card verification:राशनकार्ड सत्यापन की पावर कागजों तक सीमित,लॉकडाउन से अब तक महज 4800 का सत्‍यापन Amroha News

प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान नगर के असहाय गरीब परिवारों को चिह्नित कर उनके राशन कार्ड बनाने के निर्देश दिए थे।

By Ravi SinghEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 10:10 AM (IST)
Ration card verification:राशनकार्ड सत्यापन की पावर कागजों तक सीमित,लॉकडाउन से अब तक महज 4800 का सत्‍यापन  Amroha News
Ration card verification:राशनकार्ड सत्यापन की पावर कागजों तक सीमित,लॉकडाउन से अब तक महज 4800 का सत्‍यापन Amroha News

अमरोहा,जेएनएन। पालिका प्रशासन को नगर के पात्र लाभार्थियों के राशनकार्ड बनवाने के लिए सत्यापन की पावर मिली हुई है लेकिन यह कागजों में ही सीमित है। सत्यापित कर चार हजार से अधिक की सूची पूर्ति विभाग को सौंप चुका है, राशन कार्ड किसी के हाथ नहीं आया है।

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प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान नगर के असहाय, गरीब परिवारों को चिह्नित कर उनके राशन कार्ड बनाने के निर्देश दिए थे। इनके सत्यापन की जिम्मेदारी पालिका प्रशासन को दी गई। जांच के दौरान पालिका प्रशासन ने ४८०० लाभार्थियों को पात्र पाया। पहली शिफ्ट में २८०० लाभार्थियों की सूची पूर्ति विभाग को उपलब्ध करा दी। जबकि २००० की सूची तैयार है। इसके बावजूद पूर्ति विभाग राशन कार्ड बनाने में अपनी मनमानी कर रहा है। सभासद फहीम शाहनवाज, नूर फैजी, नूर नबी पहलवान का आरोप है कि जिनकी पूर्ति विभाग से साठगांठ है उनके ही कार्ड बन रहे हैं। पालिका प्रशासन को सत्यापन की पावर का महत्व ही क्या है। जब लाभार्थियों के कार्ड नहीं बन रहे। जबकि पूर्ति विभाग सत्यापन वाले लाभार्थियों के कार्ड भी बनाने की दावेदारी कर रहा है, लेकिन कितने कार्ड बनाए रिकार्ड बताने से कतरा रहा है। पालिका के वरिष्ठ लिपिक असद जमाल का कहना है कि सत्यापन वाले आवेदकों के कार्ड नहीं बने हैं।

सरकारी राशन में लगा शिकायतों व समस्याओं का घुन

गजरौला : गरीबों को मिलने वाले सरकारी राशन में अब समस्याओं का घुन लग चुका है। यही कारण है कि असली हकदार लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है जिससे वजह से परेशानी हो रही है। लॉकडाउन में राशन की समस्याएं बहुत ज्यादा सामने आ रही हैं। गांवों में विवाद व हंगामे हुए। यह हाल तब है जब लॉकडाउन में राशन वितरण के दौरान कोई न कोई प्रशासन द्वारा नियुक्त किया गया कर्मचारी मौजूद रहता है। कहीं यूनिट के आधार पर राशन नहीं मिलने की शिकायत है तो कहीं कार्ड होने के बाद भी उसके हिस्सा का राशन आवंटन ही नहीं हो पाया है। वहीं लॉकडाउन अवधि में प्रशासन द्वारा सत्यापन कराकर अपात्र लोगों के नाम से बने काडरें को रद कराया लेकिन, वह सत्यापन भी लेखपाल व डीलरों ने घर बैठकर ही कर ही दिया। इसका खामियाजा असली हकदार पात्रों को भुगतना पड़ रहा है। चूंकि अपात्रों के चक्कर में पात्र लोगों के कार्ड निरस्त हो गए। ऐसे में उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है। मुहल्ला चौहानपुरी निवासी मनोज शर्मा ने बताया कि पिछले दो-तीन महीने से कार्ड निरस्त हो गया। जबकि उससे पहले तक राशन मिल रहा था। घर ही स्थिति भी बेहतर नहीं है। मुहल्ला अतरपुरा निवासी संगीता का कहना है कि पिछले तीन माह से राशन कार्ड निरस्त हो गया। पति की मृत्यु होने के कारण बच्चों का लालन-पालन भी वही मेहनत-मजदूरी करके करती है। ऐसी स्थिति में राशन नहीं मिलने से परेशानी से जूझना पड़ रहा है। एसडीएम शशांक चौधरी ने बताया निस्तारण किया जा रहा है।


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