पकौड़ा बेंचने वाले रंजीत गौतम बने लोगों के लिए मिशाल, नार्थ जोन शूटिंग प्रतियोगिता में हुआ चयन
कौन कहता है आसमां में सुराग नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है पकोड़े बेचने वाले डिलारी कस्बा तहसील ठाकुरद्वारा के रहने वाले रंजीत गौतम ने। 21 वर्षीय रंजीत गौतम का चयन नॉर्थ जोन निशानेबाजी प्रतियोगिता के लिए हुआ है।
मुरादाबाद, जेएनएन। कौन कहता है आसमां में सुराग नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है पकोड़े बेचने वाले डिलारी कस्बा, तहसील ठाकुरद्वारा के रहने वाले रंजीत गौतम ने। 21 वर्षीय रंजीत गौतम का चयन नॉर्थ जोन निशानेबाजी प्रतियोगिता के लिए हुआ है। पकोड़े बेंचकर अपना भविष्य सुनहरा बनाने में जुटे रंजीत गौतम की दिनचर्या सुबह उठकर शूटिंग के अभ्यास से शुरू होती है। बीए फाइनल में पढ़ रहे रंजीत 30 किमी दूर द बुल्स आई अकादमी मुरादाबाद में 10 मीटर शूटिंग का अभ्यास करने आते जाते हैं। विषम परिस्थितियों में रंजीत गौतम का चयन होना दूसरों के लिए बड़ी मिसाल है। मुरादाबाद में शूटिंग का अभ्यास करने के बाद वह डिलारी अपने घर पहुंचते हैं। लेकिन, घर जाकर वह आराम नहीं करते बल्कि शाम को परिवार की जीविका चलाने को पकोड़े का ठेला लगाते हैं। हौसला बुलंद हो तो विपरीत परिस्थितियों में भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। रंजीत गौतम ने द बुल्स आई कोच के डायरेक्टर विशाल के निर्देशन में एयर पिस्टल से 10 मीटर निशानेबाजी में प्रथम प्रयास में उपलब्धि हासिल की है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद भी रंजीत गौतम का सपना निशानेबाजी में भारत का प्रतिनिधित्व करना है। रंजीत गौतम कहते हैं कि वह हमेशा खेल से जुड़ा रहना चाहते हैं। पढ़ाई व शूटिंग का अभ्यास के साथ पकोड़े बेचने में कोई शर्म नहीं है। कहते हैं कि मेहनत से ही मंजिल मिलती है। आदर्श विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के संयोजक नरेंद्र पाल सिंह आचार्य ने निशानेबाज रंजीत के घर पहुंचकर उत्साहवर्धन किया। रंजीत गौतम ने नोएडा स्टेडियम में प्रदेश स्तरीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया था। इसी की बदौलत नॉर्थ जोन निशानेबाजी प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ है।