रामपुर की मशहूर रजा लाइब्रेरी बढ़ाएगी भाईचारा,सभी धर्मों के पर्वों पर उनसे जुड़ी किताबों की लगेगी प्रदर्शनी Rampur News
लाइब्रेरी में सभी धर्मों से जुड़ी किताबों का खजाना। मीनारों में ऊपर मंदिर नीचे मंदिर उसके नीचे गुरुद्वारा फिर चर्च और सबसे नीचे मस्जिद की आकृति।
रामपुर(मुस्लेमीन)। अपने किताबी खजाने के लिए दुनियाभर में मशहूर रामपुर रजा लाइब्रेरी अब भाईचारा बढ़ाने की दिशा में काम करेगी। इसके लिए लाइब्रेरी के प्रबंधन ने कार्ययोजना बनाई है। लाइब्रेरी में सभी धर्मों से जुड़ी किताबें हैं। लाइब्रेरी अब सभी धर्मों के पर्वों पर उनसे जुड़ी किताबों की प्रदर्शनी लगाएगी, ताकि लोग आएं और एक दूसरे के धर्म और त्योहार के बारे में जान सकें।
लाइब्रेरी में है सभी धर्म से जुड़ी किताबें
लाइब्रेरी की मीनारों में भाईचारे की झलक है। ऊपर मंदिर, उसके नीचे गुरुद्वारा, फिर चर्च और सबसे नीचे मस्जिद की आकृति बनी है। इसमें सभी धर्मों से जुड़ी किताबें हैं। हजरत अली के हाथ से हिरन की खाल पर लिखी कुरआन है तो सुमेर चंद की फारसी में लिखी रामायण। इस रामायण के शुरुआती पेज सोने के पानी से लिखे हैं।
यहां 17 हजार पांडुलिपियां और 60 हजार किताबें हैं
नवाबी दौर में बनी रजा लाइब्रेरी में 17 हजार पांडुलिपियां और 60 हजार किताबें हैं। लाइब्रेरी प्रबंधन ने योजना बनाई है कि सभी धर्मों के त्योहार पर उनसे जुड़ी किताबों की प्रदर्शनी लगाई जाए। इससे सांप्रदायिक सद्भाव को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इस लाइब्रेरी बोर्ड की अध्यक्ष हैं। पिछले माह वह लाइब्रेरी आई थीं, इसे देखकर वह बड़ी प्रभावित हुईं। उन्होंने कहा था कि अपनी ङ्क्षजदगी में पहले कभी ऐसा ज्ञान का मंदिर नहीं देखा। इतनी खूबसूरत इमारत और उसमें रखा वेशकीमती किताबी खजाना। यह सब ज्ञान का सागर है और इस ज्ञान को दुनियाभर में फैलाने की जरूरत है।
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अब विभिन्न पर्व पर लगाई जा रही है प्रदर्शनी
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ही अब रजा लाइब्रेरी के निदेशक हैं। कहते हैं कि रजा लाइब्रेरी में अनमोल किताबी खजाना है लेकिन, इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है, ताकि लोग इस ज्ञान का लाभ उठा सकें। हमने इसके जरिये भाईचारा बढ़ाने के लिए सभी पर्वों के मौके पर किताबों की प्रदर्शनी लगाने की शुरुआत भी कर दी है।