Rampur Ruckus : एनआरसी और सीएए के विरोध में हुए बवाल में 18 माह में 206 आरोपित गिरफ्तार, सभी पर लगेगा गुंडा एक्ट
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में 18 माह पहले रामपुर में हुए बवाल के मुकदमे में पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हो सकी है। पुलिस अब तक इसमें 206 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में 18 माह पहले रामपुर में हुए बवाल के मुकदमे में पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हो सकी है। पुलिस अब तक इसमें 206 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 132 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। पुलिस अब सभी 206 के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी कर रही है।
बवाल की घटना 21 दिसंबर 2019 को हुई थी। सीएए और एनआरसी के विरोध में भीड़ सड़कों पर आ गई थी। भीड़ ने कई जगह हिंसक प्रदर्शन किया था। हाथीखाना चौराहे पर पुलिस से मारपीट और पथराव किया था। छह बाइक और पुलिस की एक जीप भी फूंक दी थी। इस दौरान गोली चलने से एक युवक की मौत हो गई थी। इस मामले में गंज और शहर कोतवाली पुलिस ने हजारों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। मुकदमे बलवा, जानलेवा हमला, लूट, हत्या, मारपीट, लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, सात क्रिमनल ला अमेंडमेंट एक्ट आदि धाराएं लगाई गईं थीं। पुलिस अधीक्षक ने घटना की जांच लोकल एसआइटी (विशेष जांच दल) से कराई थी। एसआइटी ने पहले 22 के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी। इसके बाद गंज कोतवाली में दर्ज मुकदमे में 58 के खिलाफ चार्जशीट लगी, जबकि शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में 52 के खिलाफ के खिलाफ चार्जशीट लगी। पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने बताया कि अभी मुकदमों की विवेचना जारी है। अब तक 132 के खिलाफ चार्जशीट लगाई जा चुकी है, जबकि 206 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन सभी 206 के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की जा रही है। अभी तक 67 के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जा चुकी है। मुकदमे में जैसे-जैसे अन्य लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। इस मामले में जल्द ही एक और चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
आरोपितों की संपत्ति कुर्क मामले की सुनवाई मेरठ में होगी : एनआरसी व सीएए के विरोध में हुई हिंसा में लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। तब प्रशासन ने तय किया था कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों से इसकी वसूली की जाएगी। पहले इसकी सुनवाई एडीएम न्यायालय में चल रही थी, लेकिन बाद में इसे मेरठ स्थानांतरित कर दिया गया। मेरठ में ट्रिब्यूनल कोर्ट गठित किया गया है, जहां रामपुर समेत दूसरे जिलों के मामलों की भी सुनवाई की जा रही है।
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