Rampur State: रामपुर रियासत थी धर्मनिरपेक्ष,नवाब खानदान के हर सदस्य की बनती थी जन्मपत्री Rampur News
करीब एक घंटे के लाइव में देश और दुनिया से सैकड़ों लोग जुड़े और रामपुर रियासत के बारे में जानकारी ली। लोगों में रियासत को लेकर आज भी उत्सुकता बनी हुई है।
रामपुर,जेएनएन। रामपुर रियासत के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां के पौत्र पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने रियासत से जुड़ी बातें सोशल मीडिया के माध्यम से साझा कीं। इस दौरान उन्होंने रियासत की कई अनकही और अनसुनी बातें भी लोगों से कही। लोगों को रामपुर रियासत के बारे में जानने की उत्सुकता दिखी।
देश और दुनिया से जुड़े तमाम लोग
गुजरात के दांता की राजकुमारी ख्याति सिंह के साथ एक घंटे के लाइव में देश-दुनिया के तमाम लोग जुड़े, जिन्होंने रामपुर के बारे में सवाल भी पूछे। नवाब काजिम अली खां ने कहा कि यह रियासत पूरी तरह धर्मनिर्पेक्ष और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने वाली थी। यहां के शासक नवाब को राजपुरोहित गद्दी पर बैठाते थे। यह देश की पहली ऐसी मुस्लिम रियासत थी, जिसमें परिवार के हर सदस्य की जन्मपत्री बनवाई जाती थी। इस खानदान ने आजादी के दौरान रामपुर आए सिखों को जमीनें दीं और अपने भवन उन्हेंं सौंप दिए। मस्जिदें तामीर कराईं साथ ही मंदिरों की भी आधारशिला रखीं। मुस्लिम रियासत के गृह मंत्री हंदिूू थे। रजा लाइब्रेरी की हामिद मंजिल यहां के शासकों द्वारा कायम भाईचारे की जीती-जागती मिसाल है। इसके चार गुंबद हैं। इनमें एक मस्जिद, दूसरा मंदिर, तीसरा गुरुद्वारा और चौथा चर्च की तर्ज पर बना है। अब न रियासत रही और ही शासन, लेकिन कोशिश यह ही है कि आपसी प्रेम और सद्भाव की परंपरा बनी रहे। राजघरानों के प्रतिनिधि चुनाव जीतते थे। इसलिए सभी दलों के लीडर राजघरानों से खुद को असुरक्षित समझते थे।
इल्म और अदब का खजाना है रजा लाइब्रेरी
रजा लाइब्रेरी में नवाबों द्वारा इल्म और अदब का ऐसा खजाना जमा किया गया, जो लोगों को फायदा पहुंचाता रहेगा। यहां हजरत अली के हाथों से लिखा कुरान और बिस्मिल्लाह से शुरु होने वाली वाल्मीकि रामायण है। कला और संस्कृति के मामले में यहां का अतीत बहुत सुनहरा है। यह मिर्जा गालिब की धरती रही है। दिल्ली और लखनऊ की बर्बादी के बाद रामपुर के नवाबों ने ही कलाकारों, फनकारों और अदीबों को सहारा दिया था। पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि एक घंटे तक इंस्ट्राग्राम लाइव चला।