रामपुर नवाब खानदान की संपत्ति के बंटवारे में बहस पूरी, अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा
Rampur Nawab Family रामपुर नवाब खानदान की संपत्ति बंटवारे में बहस पूरी हो गई। अब अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। रामपुर में नवाब खानदान की 26 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है जिसके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Rampur Nawab Family : रामपुर नवाब खानदान की संपत्ति बंटवारे में बहस पूरी हो गई। अब अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। रामपुर में नवाब खानदान की 26 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, जिसके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। इस संपत्ति में 18 पक्षकार हैं, जिनमें दो की मौत हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई 2019 को शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे। बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी थी।
उन्होंने संपत्ति का सर्वे और मूल्याकंन कराने के बाद विभाजन योजना पेश की, जिस पर पक्षकारों की आपत्ति ली गई, जिस पर बहस भी हुई। इस बीच जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने प्रार्थना पत्र दिया कि नवाब खानदान की जायदााद में सीलिंग की जमीन भी है। इसलिए राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाया जाए। इस प्रार्थना पत्र को लेकर भी आपत्ति दाखिल हुई और फिर बहस हुई। इसके बाद जिला शासकीय अधिवक्ता ने एक और प्रार्थना पत्र दिया।
जिसमें कहा कि नवाब खानदान की जायदाद में शत्रु संपत्ति भी है, क्योंकि इसमें पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल अब्दुल रहीम खान की पत्नी मेहरुन्निशा भी हिस्सेदार हैं। उनकी संपत्ति शत्रु संपत्ति है। इसलिए उनके हिस्से में आई संपत्ति पर भारत सरकार को कब्जा दिलाया जाए। 11 पक्षकारों के वकील एवं पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने बताया कि सभी आपत्तियों पर बहस पूरी हो चुकी है। अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सांसद आजम खां के खिलाफ तीन मुकदमों में अब सात अक्टूबर को होगी सुनवाई : सांसद आजम खां और अब्दुल्ला के खिलाफ जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और पासपोर्ट मामले मेें अब सात अक्टूबर को सुनवाई होगी। इन तीनों मामलों में सोमवार को भी सुनवाई होनी थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम औतार सैनी ने बताया कि न्यायिक अधिकारी के न होने के चलते सुनवाई टल गई। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पैन कार्ड और दो पासपोर्ट बनवाने के आरोप में तीन मुकदमे दर्ज कराए हैं।
इनमें जन्म प्रमाण पत्र वाले मुकदमे में सांसद के अलावा उनकी पत्नी डा. तजीन फात्मा और बेटा अब्दुल्ला भी नामजद है, जबकि पैन कार्ड मामले में सांसद और उनका बेटा नामजद है। पासपोर्ट के मुकदमे में अकेले अब्दुल्ला के खिलाफ रिपाेर्ट हुई है। तीनों मुकदमों में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही है।