Move to Jagran APP

रामपुर में हाईवे जाम और आगजनी के मुकदमे में 11 लोगों को एक-एक साल की सजा

रामपुर में 13 साल पहले नैनीताल हाईवे पर हुई थी घटना। गंज कोतवाली में दर्ज हुआ था 52 के खिलाफ मुकदमा। चाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि सभी को पुलिस ने झूठा फंसाया है। घटना का कोई स्वतंत्र साक्षी नहीं है। लिहाजा सभी को बरी किया जाए।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 08:57 PM (IST)
रामपुर में हाईवे जाम और आगजनी के मुकदमे में 11 लोगों को एक-एक साल की सजा
हाईवे जाम और आगजनी के मुकदमे में 11 लोगों को एक-एक साल की सजा।

रामपुर, जेएनएन। हाईवे जाम और आगजनी के 13 साल पुराने मुकदमे में अदालत ने 11 लोगों को दोषी मानते हुए एक-एक साल की सजा सुनाई है। हालांकि बाद में अपील दाखिल होने तक जमानत पर रिहा कर दिया।

loksabha election banner

घटना चार नवंबर 2007 की है। तत्कालीन डीएम के आदेश पर अवैध आरा मशीनों के खिलाफ अभियान चलाया गया था, जिसका नेतृत्व वन क्षेत्राधिकारी सुभाष सिंह बिष्ट कर रहे थे। घटना के दिन जैसे ही टीम नैनीताल हाईवे पर बिलासपुर गेट पहुंची तो सैकड़ों लोगों की भीड़ ने टीम को घेर लिया। उनके साथ मारपीट, जानलेवा हमला किया। हाईवे पर जाम लगा दिया। जाम में फंसी मुरादाबाद डिपो की बस में आग लगा दी। राहगीरों को भी पीटा था। इस घटना की रिपोर्ट वन क्षेत्राधिकारी की ओर से गंज कोतवाली में कराई थी। रिपोर्ट में 52 को नामजद किया था। रिपोर्ट बलवा, आगजनी, जानलेवा हमला, सरकारी कार्य में बाधा, लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आदि धाराओं में की गई थी। पुलिस ने मौके से 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने 34 के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।

बुधवार को इस मुकदमे की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रमोद सागर ने मुकदमा वादी समेत 11 गवाहों को कोर्ट में पेश किया। आरोपियों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि सभी को पुलिस ने झूठा फंसाया है। घटना का कोई स्वतंत्र साक्षी नहीं है। लिहाजा सभी को बरी किया जाए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला जज षष्टम धीरेंद्र कुमार ने सिराज, मोहम्मद सगीर, नाजिम, शादाब, वसीम, जफर इकबाल, नजमी, मौअज्जम, सानम, यासीन और जुनैद को दोषी मानते हुए एक-एक वर्ष की कैद की सजा सुनाई। इन सभी को जाम लगाने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का दोषी माना है। सजा सुनाए जाने के बाद इनके अधिवक्ताओं की ओर से जमानत के लिए अर्जी दी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अपील दाखिल होने तक सभी को जमानत पर रिहा कर दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.