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उत्तराखंड के उद्यमियों की पसंद बना रामपुर, जानिए क्या है वजह Rampur News

इंडस्ट्रीज लगाने को सरकार दे रही ये सहूलियत। स्टाम्प शुल्क पर 75 फीसद की है छूट। इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 साल के लिए है छूट। सेंट्रल जीएसटी में पांच साल के लिए छूट।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 07:10 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 07:11 AM (IST)
उत्तराखंड के उद्यमियों की पसंद बना रामपुर, जानिए क्या है वजह  Rampur News
उत्तराखंड के उद्यमियों की पसंद बना रामपुर, जानिए क्या है वजह Rampur News

रामपुर (भास्कर सिंह )। मंदी के कारण उद्योगों पर छाए संकट के बाद अब छंटने लगे हैं। उप्र सरकार की औद्योगिक नीतियों से प्रभावित होकर यहां नए-नए उद्योग लगाए जा रहे हैं। रामपुर जिला उद्योग केंद्र से मिले आंकड़ों की मानें तो यहां पांच माह में 50 करोड़ की लागत से नौ इकाइयां लगी हैं। इनमें सात चालू हो चुकी हैं, जबकि दो प्रक्रिया में हैं। 

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अब बदलने लगे हैं हालात 

उद्योगों के मामले में कभी रामपुर का नाम कानपुर के बाद आता था लेकिन, धीरे-धीरे यहां उद्योग बंद होने लगे। यहां की शान मानी जाने वाली रजा शुगर मिल, रजा टैक्सटाइल, मोदी ओलिविटी, शिवा पेपर मिल जैसी फैक्ट्रियों से हजारों लोगों को रोजगार मिलता था। इसके बाद मंदी का दौर आया तो यहां के उद्यमियों ने उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू आदि राज्यों का रुख कर लिया था। हालांकि अब यहां स्थिति प्रदेश सरकार की नीतियों एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के चलते बदलने लगी है। स्टार्टअप के तहत यहां नई-नई इंडस्ट्रीज स्थापित की जा रही हैं। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। जिला उद्योग केंद्र से मिले आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-2020 में अभी तक 50 करोड़ की लागत से नौ इकाइयां लग चुकी हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों के उद्यमियों ने भी यहां 50 करोड़ रुपये के निवेश की इच्छा जताई है। इसके तहत उत्तराखंड के छह उद्यमियों ने यहां इंडस्ट्रीज लगाने के लिए जिला उद्योग केंद्र को प्रस्ताव भेजे हैं, जिन्हें स्थापित करने के लिए उद्योग केंद्र द्वारा प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। 

आठ करोड़ की लागत से उत्तराखंड के दो उद्यमियों ने चालू किए उद्योग

जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त एसके शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड से मिले छह प्रस्तावों में स्टील इंडस्ट्री, वुड बेस इंडस्ट्रीज, राइस ब्रान ऑयल, पेपर इंडस्ट्रीज, विनीयर आदि शामिल हैं। एक बिलासपुर के डिबडिबा में पांच करोड़ की लागत से विनियर प्लांट लगा है। इसके अलावा टांडा में भी उत्तराखंड के उद्यमी ने तीन करोड़ की लागत से राइस मिल लगाई है। इसके अलावा अन्य उद्यमियों द्वारा भी उद्योग लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। 

ज्यादा उद्योग लेंगे तो दूर होगी बेरोजगारी की समस्या

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके गुप्ता का कहना है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और बेरोजगारी की समस्या भी दूर होगी। प्रदेश सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चला रही है। हालांकि अभी उद्योगों को और सहूलियत दिए जाने की जरूरत है। मैंथा पर मंडी शुल्क पूरी तरह हटाया जाना चाहिए। 


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