Move to Jagran APP

Raksha Bandhan 2020 : हिंदू भाई की कलाई पर मुस्लिम बहन की राखी, 55 साल से चल रहा सिलसिला

Raksha Bandhan 2020 बचपन में ही रक्षाबंधन के दिन ताजवर सुल्ताना ने राखी बांधने का सिलसिला शुरू किया था। यह रिश्ता आज भी जारी है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 12:31 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 12:31 PM (IST)
Raksha Bandhan 2020 : हिंदू भाई की कलाई पर मुस्लिम बहन की राखी, 55 साल से चल रहा सिलसिला
Raksha Bandhan 2020 : हिंदू भाई की कलाई पर मुस्लिम बहन की राखी, 55 साल से चल रहा सिलसिला

अमरोहा, जेएनएन। रिश्ते सिर्फ परिवार में ही नहीं होते। कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिनसे मानवता व भाईचारा हमेशा कायम रहता है। ऐसे ही कुछ रिश्ते अमरोहा शहर में भी बरकरार हैं। बीते 55 साल से यहां हिदू बहन मुस्लिम भाई की कलाई पर राखी बांध रही हैं तो मुस्लिम बहन भी हिदू भाई की कलाई पर अपने प्यार का धागा बांध रही हैं।

loksabha election banner

मुस्लिम कमेटी के अध्यक्ष नसीम खां को बहन आशा यादव पांच साल की उम्र से राखी बांधती आ रही हैं। वह भी आज तक भाई का हर एक फर्ज बखूबी निभा रहे हैं। वहीं ताजवर सुल्ताना ने भी भाई अनिल जग्गा को बचपन से ही राखी बांध कर बहन का फर्ज अदा किया है। न कोई राजनीतिक रूप और न कोई दिखावा। इनके रिश्ते की यह डोर हर साल किसी भी सूरत में मजबूती के साथ बांधी जाती है। नगर के मुहल्ला रज्जाक में मुस्लिम कमेटी के सदर नसीम खां का परिवार रहता है। सोमवार को मुरादाबाद में रहने वाली उनकी बहन आशा यादव राखी लेकर घर पहुंचीं। नसीम खां ने बहन से हर साल की तरह राखी बंधवाई तथा आशीष दिया। नसीम खां बताते हैं कि मुहल्ला पनवाड़ी निवासी आशा यादव उनकी बहन कैसर जहां, कमर जहां व रोशन जहां की सहेली हैं। पांच साल की उम्र से आशा मुझे राखी बांधती हैं। आशा देवी ने बताया मुझे नसीम ने कभी यह अहसास नहीं होने दिया कि वह मेरा सगा भाई नहीं है। बोलीं-मेरी दो बेटियों की शादी हुई तो नसीम ने भाई का फर्ज अदा करते हुए भात की रस्म पूरी की थी। हर सुख-दुख में मेरे साथ हैं। केवल नसीम खां ही नहीं बल्कि मुहल्ला दानिशमंदान निवासी अनिल जग्गा व मुहल्ला काजीजादा निवासी ताजवर सुल्ताना का रिश्ता भी ऐसा ही है। सोमवार को हर साल की तरह ताजवर सुल्ताना ने अनिल जग्गा की कलाई पर प्रेम का धागा बांधा। श्री जग्गा ने बताया कि हम दोनों के पिता एक साथ काम करते थे। ताजवर सुल्ताना के भाई नहीं हैं तथा मेरी भी कोई बहन नहीं थी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.