रेलवे खाद्यान्न और चीनी की ढुलाई में रहा अव्वल, हुई मोटी कमाई, लेकिन इस क्षेत्र में पिछड़ गया, हुआ नुकसान
Railway top in Transportation of Food Grains मुरादाबाद रेल मंडल खाद्यान्न व चीनी ढुलाई अव्वल रहा जबकि आटोमोबाइल की शीरा का ढुलाई में फी पिछड़े साबित हुए। मंडल से देश भर के विभिन्न स्थानों के लिए चार हजार से अधिक मालगाड़ी का संचालन किया गया है।
मुरादाबाद, (प्रदीप चौरसिया)। Railway top in Transportation of Food Grains : मुरादाबाद रेल मंडल खाद्यान्न व चीनी ढुलाई अव्वल रहा, जबकि आटोमोबाइल की शीरा का ढुलाई में फी पिछड़े साबित हुए। मंडल से देश भर के विभिन्न स्थानों के लिए चार हजार से अधिक मालगाड़ी का संचालन किया गया है। इससे रेलवे की अच्छी खासी कमाई हुई है।मुरादाबाद रेल मंडल प्रशासन ने माल ढुलाई को लेकर दिसंबर में किए कार्य की रिपोर्ट उत्तर रेलवे मुख्यालय भेजी है।
पिछले साल की तुलना में कई पदार्थ की ढुलाई में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है, कई उत्पादन की ढुलाई में करने में पूरी तरह से सफल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार मुरादाबाद मंडल से 136 फीसद अधिक मालगाड़ी द्वारा खाद्यान्न विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है। चीनी मालगाड़ी द्वारा देश के विभिन्न भागों के अलावा नेपाल सीमा तक बांग्लादेश तक भेजी गई है। पिछले साल से चीनी की 76 फीसद अधिक ढुलाई की गई।
मुरादाबाद से निर्यातकों की माल को विदेश भेजने के लिए कंटेनर चलाने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं। दिसंबर में 30 फीसद अधिक कंटेनर ट्रेन को चलाए गए। चावल की भूसी भेजने में 50 फीसद अधिक मालगाड़ियों का संचालन हुआ। अमरोहा से मालगाड़ी द्वारा गुड़ पूर्वोत्तर राज्यों में लगातार भेजा जा रहा है। मुरादाबाद रेल मंडल के हरिद्वार ऋषिकेश से मालगाड़ी द्वारा आटोमोबाइल भेजे जाते हैं, लेकिन दिसंबर में आटोमोबाइल के लिए एक भी मालगाड़ी नहीं चलाया गया।
माना जा रहा है कि कंपनियों ने सड़क मार्ग से आटोमोबाइल की विभिन्न स्थानों के लिए भेजा है। इसी तरह से शीरा की कोई ढुलाई नहीं किया है। खाद्य की ढुलाई में सात फीसद की कमी आयी है। रेललाइन की मरम्मत के लिए स्लीपर व पत्थर की ढुलाई में काफी पीछे रहे हैं। पिछले एक साल से लड़की ढुलाई नहीं किया जा रहा है। पंजाब व अन्य राज्यों से मालगाड़ी द्वारा विभिन्न स्थानों पर भेजते है, जिसमें काफी संख्या में मालगाड़ी मुरादाबाद रेल मंडल होकर गुजरती है।
दिसंबर में मुरादाबाद होकर चार हजार से अधिक मालगाड़ी का संचालन किया है। जिसमें सबसे अधिक पंजाब से खाद्यान्न लेकर बिहार, बंगाल, पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए मालगाड़ी गुजरती है। वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों व झारखंड से कोयला लेकर पंजाब आदि स्थानों के लिए मालगा़ड़ी चलाया गया है। कोयला बिजली उत्पादन केंद्रों को भेजा जाता है।