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यात्रीगण कृपया ध्यान दें : सुरंग के अंदर है रेलवे स्टेशन

अब सुरंग के अंदर से गुजरेंगी ट्रेनें, स्टेशन भी होगा सुरंग केअंदर।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 06:10 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 06:10 AM (IST)
यात्रीगण कृपया ध्यान दें : सुरंग के अंदर है रेलवे स्टेशन
यात्रीगण कृपया ध्यान दें : सुरंग के अंदर है रेलवे स्टेशन

मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया) : पुराने जमाने में भगवान की उपासना करने के लिए लोग पहाड़ों की गुफा में जाते थे। इसी तरह अब उत्तराखंड के तीर्थ यात्रियों को ट्रेन से सुरंग के अंदर यात्री करनी पड़ेगी। 84 फीसद ट्रेन यात्रा सुरंग के भीतर से होगी। एक रेलवे स्टेशन तो सुरंग के बीच ही होगा। स्टेशन के बाहर जाने के लिए लिफ्ट लगाई जाएगी। इस रेल मार्ग के निर्माण में सहयोग करने के लिए डीआरएम मुरादाबाद को नामित किया गया है। पिछली केंद्र सरकार ने बनाई थी योजना पिछली केंद्र सरकार ने कश्मीर में रेल लाइन पहुंचने के बाद देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ों पर लाइन बिछाने की योजना बनाई थी। इसके तहत प्रथम चरण में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक लाइन बनाई जानी है, जिससे तीर्थ यात्री केदारनाथ व बद्रीनाथ आसानी से पहुंच सकें। रेल लाइन के निर्माण से उत्तराखंड का विकास भी होगा। वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालते ही ऋषिकेश-कर्ण प्रयाग रेल मार्ग का काम तेजी से शुरू करने के लिए रेलवे विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) बनाया है। आरवीएनएल ने 105 किलोमीटर रेल मार्ग का सर्वे किया है। इसमें 84.24 फीसद किलोमीटर भाग में ऊंचे पहाड़ हैं। जहां सुरंग बनाकर ट्रेन चलाई जाएगी। 15.76 फीसद दो पहाड़ों को जोड़ने वाला स्थान खुला है। ऋषिकेश कर्ण प्रयाग के बीच 12 स्टेशन बनाए जाने हैं। इसमें देव प्रयाग और मलेथा के बीच 15 किलोमीटर की सुरंग बनाई जाएगी। मलेथा स्टेशन सुरंग के अंदर होगी। यार्ड का कुछ हिस्सा सुरंग से बाहर बनाया जाएगा। सुरंग से बाहर आने के लिए लिफ्ट और स्वाचालित सीढ़ी लगाई जाएगी। शेष रेलवे स्टेशन दो पहाड़ को जोड़ने वाले खाली स्थान पर बनाए जाएंगे।

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आरवीएनएल ने न्यू ऋषिकेश स्टेशन और कर्ण प्रयाग जाने के लिए रेल मार्ग का निर्माण शुरू कर दिया है। सुरंग के अंदर रोशनी की विशेष व्यवस्था की गई है। ट्रेन रुकने के बाद स्टेशन पर आगे आने वाली सुरंग की जानकारी दी जाएगी। तुर्की की कंपनी करेगी गंगोत्री और यमुनोत्री रेल मार्ग का निर्माण कर्ण प्रयाग से आगे गंगोत्री और यमुनोत्री तक दुर्गम पहाड़ों पर भी रेलवे लाइन का निर्माण किया जाना है। इसके लिए तुर्की की कंपनी से करार किया गया है। तुर्की की कंपनी ने सर्वे का काम भी तेजी से शुरू कर दिया है।

शुरू हो चुका है निर्माण ऋषिकेश कर्ण प्रयाग रेल मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। गंगोत्री और यमुनोत्री रेल मार्ग का सर्वे तुर्की की कंपनी द्वारा किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्ण प्रयाग मार्ग पर वर्ष 2025 तक ट्रेन संचालन शुरू किया जाना है। इस मार्ग को सुरंग का रेल मार्ग के नाम से जाना जाएगा।

- अजय कुमार सिंघल, मंडल रेल प्रबंधक, मुरादाबाद ऋषिकेश कर्ण प्रयाग मार्ग के स्टेशन न्यू ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी

देवप्रयाग, मेलेथा, श्रीनगर, तिलोनी

धारी (रुद्रप्रयाग), सिरवाई,

गोचर, कर्णप्रयाग।

मार्ग पर पुलों की स्थिति सबसे ऊंचा पुल : 50 मीटर

सबसे लम्बा पुल: 460 मीटर

कुल निर्माण लागत: 16216 करोड़ रुपये

सुरंग : 17

तीन जगह पर राष्ट्रीय राजमार्ग को मोड़ा जाएगा।


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