Lockdown : लॉकडाउन में रेलवे बचा रहा एक करोड़ का डीजल, ओएचई की मरम्मत में आई तेजी Moradabad News
यात्री ट्रेन नहीं चलने से ओएचई की मरम्मत कार्य में भी आई है तेजी। घाटे को कम करने में मददगार। इलेक्ट्रिक इंजन से चलाई जा रहीं मालगाडिय़ां।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। लॉकडाउन में रेल मंडल को हर दिन लगभग एक करोड़ रुपये की डीजल की बचत हो रही है। इस दौरान ट्रेनें बंद हैं और मालगाड़ी चल रहीं हैं। सबको इलेक्ट्रिक इंजन से चलाया जा रहा है। इस दौरान ओएचई की मरम्मत का काम तेजी से हो रहा है।
लॉकडाउन के कारण देश भर में यात्री ट्रेन बंद है। खाद्यान्न, खाद, कोयला, दवाई व अन्य आवश्यक वस्तुएं लेकर लगातार मालगाड़ी चल रही हैं। यात्री ट्रेनों के नहीं चलने से रेलवे को घाटा हो रहा है। मुरादाबाद रेल मंडल को लगभग सौ करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने देश भर के सभी अधिकारियों को आदेश दिया है कि रेलवे का घाटा कम करने के लिए अधिकांश मालगाड़ी को इलेक्ट्रिक इंजन से चलाएं। ट्रेनें नहीं चलने से विद्युतीकरण रेलमार्ग खाली पड़े हैं। जिस मार्ग पर विद्युतीकरण नहीं है, उस पर मालगाड़ी नहीं चलाएं।
मंडल में डीजल भरने के बने हैं दो प्वाइंट
मुरादाबाद रेल मंडल में इंजन में डीजल भरने के लिए दो प्वाइंट बने हुए है। मुरादाबाद स्टेशन पर सामान्य दिनों 1.20 लाख लीटर डीजल इंजन में भरा जाता है। अधिकांश मालगाड़ी डीजल से चलती थी। इसी तरह तरह रोजा स्टेशन के प्वाइंट से 80 हजार लीटर डीजल इंजन में भरा जाता है। दोनों स्थान पर प्रत्येक दिन दो लाख लीटर इंजन में डीजल भरना पड़ता है। इस डीजल का बाजार मूल्य 1.40 करोड़ रुपये है। चन्दौसी, बालामऊ, काठगोदाम मार्ग पर इलेक्ट्रिक लाइनें नहीं जाती हैं। वहां डीजल इंजन से मालगाड़ी चल रहीं हैं।
लॉकडाउन में चल रही है औसत सौ मालगाड़ी
लॉकडाउन के पहले मंडल से औसत प्रत्येक दिन 90 मालगाड़ी चलती थीं लेकिन, यात्री ट्रेन होने के कारण यह विद्युतीकरण वाले ट्रैक पर नहीं चलाई जाती थीं। लॉकडाउन के बाद आवश्यक वस्तु की ढुलाई के लिए प्रत्येक दिन औसत सौ मालगाड़ी चलती हैं। इनमें 80 फीसद से अधिक मालगाड़ी को इलेक्ट्रिक इंजन से चल रहीं हैं। इससे मंडल में एक करोड़ रुपये प्रतिदिन डीजल की बचत हो रही है।
ओएचई की मरम्मत शुरू
इलेक्ट्रिक इंजन अधिक लोड वाली मालगाड़ी लेकर चल रहे हैं। ओएचई में होने वाली फाल्ट को रोकने के लिए मंडल रेल प्रशासन ने कर्मियों को ड्यूटी पर बुला लिया है और ओएचई की मरम्मत करना शुरू कर दिया है। सीनियर डीसीएम रेखा ने बताया कि घाटे को कम करने के लिए अधिकांश मालगाड़ी को डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक इंजन से चलाया जा रहा है। इसके लिए लगातार ओएचई की मरम्मत हो रही है। इसके बाद डीजल की खपत में काफी कमी आयी है।