चना दाल के भाव में उछाल, सरसो के तेल में भारी गिरावट, जानें अन्य दालोंं की क्या है कीमत
Pulses Rate in UP महंगाई की मार जेब पर भारी पड़ रही है। दालों में चना के भाव गरम है। राहत की बात ये है कि अन्य दालों के दाम में वृद्धि नहीं हुई है। कुछ जगह राहत है तो कुछ में तेजी बरकरार है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Pulses Rate in UP : महंगाई की मार जेब पर भारी पड़ रही है। दालों में चना के भाव गरम है। राहत की बात ये है कि अन्य दालों के दाम में वृद्धि नहीं हुई है। कुछ जगह राहत है तो कुछ में तेजी बरकरार है। चना एक महीने में 30 से 35 रुपये प्रति किलो महंगा हो गया है। इसकी वजह सहालग मानी जा रही है।
दाल महंगी होने की क्या है वजह
सहालग में चने की खपत बढ़ने के कारण मांग बढ़ी है। साथ ही चने की फसल में वृद्धि उत्साहजनक नहीं थी। गेहूं का आटा एक महीने में तीन से चार रुपये किले तक उछाल आया है। गेहूं के आटे में तेजी किसी की समझ में नहीं आ रही है। आटे की महंगाई गरीब से लेकर मध्यम परिवार को भारी पड़ रही है।
आटा भी हुआ महंगा
स्थानीय ब्रांड की बात करें तो 10 किग्रा आटे की बोरी 320 से 325 रुपये और ब्रांडेड आटा 380 से 400 रुपये तक बिक रहा है। स्थानीय और ब्रांडेड आटा की महंगाई एक महीने से है। लेकिन, तेल की तरह आटे की महंगाई भी आने वाले दिनों में कम होने की संभावना किराना व्यापारी जता रहे हैं।
वर्तमान में दालों के भाव
- दालें पहले अब
- चना 120 150
- अरहर 110-120 110-120
- उड़द साबुत 110 110
- उड़द दाल 110 110
- राजमा 130 130
- राजमा चित्रा 160 160
- उड़द धुली दाल 120 120
- मसूर 110 110
- आटा लोकल 290-300 320-325
- आटा ब्रांडेड 360 400
- सरसों का तेल 185 165
क्या कहते हैं कारोबारी
मुरादाबाद के कटरा बाजार के किराना कारोबारी राजीव गुप्ता का कहना है कि चना और आटा को छोड़कर दालों के दाम नहीं बढ़े हैं। चना के भाव सहालग की वजह से बढ़े हैं। इस बार चना की फसल भी कम हुई। यह भी इसकी महंगाई का कारण है। आटा महंगा होना समझ से परे है। आटे के भाव बढ़ने को लेकर सभी लोग हैरान हैं।