Move to Jagran APP

रायबरेली की प्रियंका ने पूरा किया शिक्षक पिता का सपना

रायबरेली की मूल निवासी प्रियंका सिंह फूली नहीं समा रहीं। सर्वांग सर्वोत्तम रहीं प्रियंका के पिता शत्रुघ्न सिंह पेशे से शिक्षक हैं। बचपन से ही प्रियंका को खाकी पसंद थीरायबरेली की मूल निवासी प्रियंका सिंह फूली नहीं समा रहीं। सर्वांग सर्वोत्तम रहीं प्रियंका के पिता शत्रुघ्न सिंह पेशे से शिक्षक हैं। बचपन से ही प्रियंका को खाकी पसंद थी।

By RashidEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 11:30 AM (IST)
रायबरेली की प्रियंका ने पूरा किया शिक्षक पिता का सपना
रायबरेली की प्रियंका ने पूरा किया शिक्षक पिता का सपना

 रायबरेली की प्रियंका ने पूरा किया शिक्षक पिता का सपना

loksabha election banner

मुरादाबाद: रायबरेली की मूल निवासी प्रियंका सिंह फूली नहीं समा रहीं। सर्वांग सर्वोत्तम रहीं प्रियंका के पिता शत्रुघ्न सिंह पेशे से शिक्षक हैं। जबकि मां किरन सिंह गृहणी हैं। 

खाकी थी बचपन से ही पसंद 

सगे दो भाइयों की इकलौती बहन प्रियंका बताती हैं कि उनके पिता ही नहीं बल्कि खुद भी खाकी को बचपन से पसंद करती रहीं हैं। वर्ष 2011 की उप निरीक्षक भर्ती की प्रक्रिया जब कोर्ट में विचाराधीन हो गई, तो प्रियंका व्याकुल हो गईं। वर्ष 2016 की सिपाही भर्ती परीक्षा में वह शामिल हो गईं। परीक्षा पास करने के बाद वर्ष 2017 में उन्होंने पीटीसी मुरादाबाद में ही कांस्टेबल की ट्रेनिंग ली। तभी पता चला कि कोर्ट से राहत मिली है। दारोगा के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए वह दोबारा पीटीसी आईं। इंडोर व आउटडोर प्रशिक्षण में ही नहीं बल्कि साक्षात्कार में भी उच्चाधिकारियों को प्रभावित करने में सफल रहीं। यही वजह रही कि पासिंग आउट परेड में एडीजी ब्रजराज ने प्रियंका को तलवार भेंट की। 

बेटे का माथा चूमकर हौसलाफजाई की

आउडोर प्रशिक्षण में बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के विनय गुरुदेव ने बाजी मारी। उनके शिक्षक पिता भैयालाल गुरुदेव व मां कादंबरी देवी ने पुत्र का माथा चूमकर हौसलाफजाई की। पुलिस प्रशिक्षण की विभिन्न विधाओं में महारत रखने वाले प्रशिक्षुओंं को मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसमें उपनिरीक्षक प्रवीण कुमार, यशपाल सिंह, राजन सिंह, नर सिंह, कुमारी रेणुका, रश्मि यादव, संदीप कुमार, रविकांत मिश्र, मनोज कुमार व भूपेंद्र सिरोही, आशीष चौधरी, तनमय चौधरी, सुमित कुमार, रंजय कुमार, दिनकर वर्मा, शिवजीत सिंह, मुहम्मद  तारिक, पवनेंद्र कुमार, रूबी उपाध्याय, शाकिर खान, शिशिर गुप्ता, सूरज, रवि कुमार भी शामिल रहे। 

 अधूरी रह गई 33 उपनिरीक्षकों की तमन्ना 

दीक्षांत परेड में शामिल होने की तमन्ना 33 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों की अधूरी रह गई। पीटीसी से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2011 के  639 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों की ट्रेनिंग 20 नवंबर 2017 को शुरू हुई। इसमें  76 महिलाएं भी शामिल रहीं। इसमें महज 606 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक ही शामिल हो सके। बताया जाता है कि 21 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक साक्षात्कार में अनुत्तीर्ण हो गए। जबकि 12 उपनिरीक्षकों का  प्रशिक्षण विभिन्न कारणों से समय से पूरा नहीं हो सका। ऐसे में 33 उपनिरीक्षकों की दीक्षांत परेड में शामिल होने की तमन्ना फिलहाल अधूरी रह गई। 

पूरे होते सपने कैमरे में कैद 

-प्रदेश के विभिन्न जनपदों से सैकड़ों की तादाद में उमड़े प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों के परिजनों के चेहरे पर खुशियों का डेरा रहा। माता-पिता अपने होनहार पुत्र को कदमताल करते देख जहां फूले नहीं समा रहे थे, वहीं पुत्र व पत्नी की खुशी का ठिकाना न था। इस अद्भुत व अनूठे पल को ताउम्र देखने के लिए लोगों ने कैमरे व मोबाइल का सहारा लिया।

मन में मलाल, दिल में कसक 

पासिंग आउट परेड में शामिल एक महिला उपनिरीक्षक मन में मलाल व दिल में बड़ी कसक के साथ पीटीसी मैदान से विदा होने पर मजबूर हुई। पासिंग आउट परेड से 48 घंटे पहले तक प्रशिक्षकों की पहली पसंद रही महिला कैडिट का नाम कर्मयोगियों की सूची से अचानक गायब हो गया। इसको लेकर साथी प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों में भी क्षोभ देखा गया। कइयों ने तो पीटीसी प्रबंधन के खिलाफ मुखर होकर बोलने तक से भी गुरेज नहीं किया। हालांकि उक्त महिला उपनिरीक्षक व पीटीसी प्रबंधन प्रकरण पर पूरी तरह चुप रहा। 

देर शाम तक तैनाती का इंतजार 

पासिंग आउट परेड की समाप्ति के बाद भी नव उपनिरीक्षकों के मन की बेचैनी खत्म नहीं हुई। सात वर्ष से भी अधिक समय तक दारोगा बनने का इंतजार करने वाले उपनिरीक्षकों की परेड खत्म होने के घंटों बाद भी पीटीसी परिसर में बैठे रहे। कुरेदने पर बताया कि वह सूची साढ़े छह बजे तक पीटीसी को उपलब्ध नहीं हो सकी थी। ऐसे में सभी दरोगा पीटीसी में ही डेरा डाले रहे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.