मुरादाबाद जेल तक पहुंची धर्म परिवर्तन की आंच, खुफिया तंत्र सक्रिय
मुरादाबाद जिला कारागार में दो बंदियों के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन के बाद खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया और बंदियों से पूछताछ की है।
मुरादाबाद(जेएनएन)। जिला कारागार में दो बंदियों के धर्म परिवर्तन की सूचना से सनसनी फैल गई। आनन-फानन में खुफिया विभाग के अफसर जांच करने के लिए जेल पहुंच गए। वहीं इस मामले में एक राजनीतिक पार्टी के नेता ने एसएसपी कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए जेल अधीक्षक पर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया है।
धर्मांतरण के आरोप लगाकर किया प्रदर्शन
जेल में बंद कपिल कुमार पुत्र राकेश निवासी नया गांव सिविल लाइन व पंकज पुत्र धर्मपाल निवासी नन्हेड़ा राजपूत डिडौली अमरोहा जनपद का निवासी है। कपिल चोरी के मामले में बीते चार माह से कारागार में बंद है, जबकि पंकज धार्मिक उन्माद फैलाने में आइटी एक्ट के तहत दो माह से कारागार में है। इन दोनों पर कारागार में धर्मांतरण करने का आरोप एक राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी ने लगाए हैं। सोमवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए रामेश्वर दयाल तुरैहा ने प्रशासनिक अफसरों को ज्ञापन देकर कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी पर बंदियों पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
अफसरों की नींद उड़ी, खुफिया जांच
जेल प्रशासन के अफसरों ने इन आरोपों से इन्कार किया है। वहीं इस प्रदर्शन की जैसे भनक खुफिया विभाग को लगी तो अफसर कारागार जांच के लिए पहुंच गए। खुफिया विभाग के अफसरों के पहुंचते ही जेल में सनसनी फैल गई। जेल अफसरों का कहना है कि धर्मांतरण के आरोप निराधार हैं। जेल में ऐसा कोई भी काम नहीं किया जा रहा है, लेकिन इस मामले के बाद कई अफसरों की नींद उड़ गई है।
बंदियों ने स्वीकार किया दूसरे धर्म के प्रति लगाव
जेल में जांच करने पहुंचे अफसरों के सामने दोनों बंदियों ने दूसरे धर्म के प्रति आकर्षण को स्वीकार किया है। बंदी कपिल ने बताया कि उसकी मां मुस्लिम है। इसके चलते उसे नमाज को लेकर जानकारी है। पंकज को पुलिस ने ङ्क्षहदू देवी-देवताओं के प्रति अभद्र टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी ने कहा है कि जिन दो बंदियों को लेकर शिकायत की गई है। वह संदिग्ध गतिविधियों के कारण ही जेल में है, हालांकि जेल में उनके द्वारा कोई ऐसा कृत्य नहीं किया गया है। धर्मांतरण से संबंधित सभी आरोप निराधार हैं।