मुरादाबाद में बाढ़ से निपटने की तैयारी शुरू, खोले जाएंगे चार कंट्रोल रूम
Preparations to deal with floods रामगंगा और गांगन नदी के जलस्तर की निगरानी शुरू कर 34 बाढ़ चौकियों को स्थापित किया है। सिंचाई विभाग के साथ ही स्थानीय लेखपालों की ड्यूटी लगाई है।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी से अभी लड़ाई जारी है, इसके साथ ही बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए भी प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। बरसात में प्रतिवर्ष जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के करीब 40 गांव के साथ ही शहर का इलाका भी प्रभावित होता है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने जिले की चार तहसीलों में कंट्रोल रूम खोलने के साथ ही राहत शिविरों के स्थल चिह्न्ति करने के निर्देश दिए हैं। चारों तहसीलों के उपजिलाधिकारियों ने अभी तक दस प्राथमिक विद्यालयों का चयन किया है। जिसमें बाढ़ से प्रभावित लोगों को रखा जाएगा। इसके साथ ही बाढ़ चौकियों की स्थापना कर दी गई है।
मेरठ में सेना के अधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट
आपदा प्रबंधन विभाग के नोडल अधिकारी व एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रीति जायसवाल ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना और एनडीआरएफ मदद के लिए 24 घंटे तैयार रहेगी। सेना की मेरठ छावनी के अफसरों को प्रतिदिन अभी से रिपोर्ट भेजने का काम शुरू कर दिया गया है।
10 लाख रुपये का सरकार ने भेजा बजट
बाढ़ से प्रभावित इलाकों में सुरक्षा इंतजाम और राहत कार्यों के लिए शासन ने 10 लाख रुपये का बजट भेज दिया है। इस बजट का उपयोग राहत शिविरों में व्यवस्थाएं करने के लिए किया जाएगा।
बाढ़ या दैवीय आपदा से भी मिलती है आर्थिक मदद
बाढ़ या दैवीय आपदा से अगर कोई प्रभावित होता है तो उसे आपदा प्रबंधन की ओर से भी आर्थिक मदद दी जाती है। आकस्मिक मृत्यु पर चार लाख रुपये की मदद 24 घंटे में प्रदान करने के निर्देश शासन ने दिए हैं।
बाढ़ से बचाव के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। नदियों के जलस्तर पर की प्रतिदिन मॉनीटरिंग करने के साथ ही राहत शिविरों का चयन कर लिया गया है। बाढ़ चौकियों की स्थापना भी कर दी गई है।
-प्रीति जायसवाल, एडीएम वित्त एवं राजस्व।