मुरादाबाद की बदनाम बस्ती में पुलिस ने की बदलाव की शुरुआत Moradabad News
एसएसपी की पहल रंग लाई पहले दिन रोजगार मेले में 325 का साक्षात्कार लिया गया। 500 से अधिक आए आवेदन। 64 महिलाओं ने भी किया आवेदन।
मुरादाबाद (मोहसिन पाशा)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कच्ची शराब और देश भर में शातिर बदमाशों की बस्ती के नाम से चर्चित आदर्श कालोनी में पुलिस की पहल पर बदलाव की बयार चल पड़ी है। पुलिस ने नई पीढ़ी, युवाओं और धंधे को छोडऩे वालों को रोजगार से जोडऩे की अनूठी पहल की है। निर्यात से लेकर अन्य इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों को विश्वास में लेकर कालोनी में रोजगार शिविर लगवाया। पहले दिन 325 का साक्षात्कार हुआ। पुलिस सत्यापन के उपरांत इनको पात्रता के आधार पर नौकरी मिलेगी।
डाकू सुल्ताना के रहते हैं वंशज
कच्ची शराब के लिए बदनाम और सुल्ताना डाकू के वंशजों की आदर्श कालोनी से बदनामी का दाग छुड़ाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने शुरुआत की। पुलिस ने कच्ची शराब बनाकर परिवार पालने वालों से बातचीत की। नौकरी नहीं होने की बात को गंभीरता से लेते हुए इसका इंतजाम करवाया गया। रविवार को समाज कल्याण विभाग के कार्यालय परिसर में ऑपरेशन आदर्श के तहत दो दिवसीय रोजगार मेला लगाया गया। पहले दिन ही बेरोजगारों की भीड़ उमड़ पड़ी और 325 लोगों ने नौकरी के लिए साक्षात्कार दिया। कच्ची बनाकर अपने परिवार को पालने वाले के चेहरों पर नौकरी मिलने की आस में मुस्कान लौट आई। एसएसपी ने रोजगार मेले का शुभारम्भ किया। मेले में मुरादाबाद की निर्यात फर्म, शिक्षण संस्थाओं के अलावा अन्य व्यापारियों ने अपने स्टाल लगाकर बेरोजगारों का साक्षात्कार किया। भांतू समाज विकास समिति ने मेले में पुलिस का सहयोग किया। समिति ने ही बेरोजगारों के आवेदन मांगे तो 500 से अधिक आवेदन थे। इनमें 105 महिलाएं शामिल हैैं। रविवार को पहले दिन कुल 325 लोगों का साक्षात्कार हुआ है। इनमें 64 महिलाएं भी शामिल हैं। एसपी सिटी अमित कुमार आनंद और एएसपी दीपक भूकर के अलावा प्रभारी निरीक्षक नवल मारवाह और चौकी फकीरपुरा के प्रभारी सर्वेश कुमार ने मेले का संचालन किया। एसपी सिटी ने बताया कि सोमवार को भी साक्षात्कार होगा। इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार दिलाने का प्रयास किया जाएगा। मेले में चयनित व्यक्तियों को 23 जनवरी को जॉब ऑफर लेटर दिया जाएगा।
बेवा महिलाओं को स्कूलों में मिलेगी नौकरी
आदर्श कालोनी की बेवा महिलाओं ने एसएसपी से मिलकर स्कूलों में नौकरी दिलाने की गुहार लगाई थी। महिलाओं ने कहा था कि कम पढ़े-लिखे हैैं। फर्म के बजाए स्कूलों में चपरासी या सहायिका की नौकरी मिल जाए तो परिवार का पालन पोषण कर लेंगे। कई बुजुर्ग महिलाएं भी अपने आवेदन लेकर मेले में पहुंचीं। इस पर स्कूल प्रशासन से जुड़े लोगों को भी मेले में बुलाया गया है। महिलाओं को स्कूलों में नौकरी मिलने की उम्मीद है।
कच्ची शराब पर आश्रित लोगों को नौकरी दिलाकर आदर्श कालोनी को हमने सच में आदर्श बनाने का संकल्प लिया है। इसमें व्यापारियों और उद्यमियों का सहयोग मिल रहा है। सामाजिक संस्थाओं ने भी पुलिस का सहयोग किया है। रोजगार मेले में युवाओं के लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करके सभी को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
अमित पाठक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक