PM Awas Yojana : लाभार्थियों के लिए अच्छी खबर, बैंकों से ऋण दिलाकर आवासों पर कब्जा देगा एमडीए
PM Awas Yojana सचिव ने बताया कि जिन लाभार्थियों को ऋण कराना है वह अपनी-अपनी योजनाओं में जाकर शिविर का लाभ उठा सकते हैं। शिविर में उनके ऋण की औपचारिकता पूरी होने के बाद एमडीए का बकाया भुगतान करा दिया जाएगा।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। PM Awas Yojana : एमडीए उपाध्यक्ष मधुसूदन हुल्गी ने प्रधानमंत्री आवासों का बकाया न जमा करने वाले लाभार्थियों को घरों पर कब्जा दिलाने के लिए अच्छी पहल की है। अब ऐसे लाभार्थियों को ऋण दिलाकर एमडीए पीएम आवासों पर कब्जा दिलाने का काम करेगा। योजनाओं के लिए ऋण लिए जाने के लिए उपाध्यक्ष ने अलग-अलग बैंकों को नामित किया है।
एमडीए सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि उपाध्यक्ष गरीबों को आवासों पर कब्जा दिलाने के लिए बेहद संजीदा हैं। उन्होंने आवंटियों को पीएम आवासों पर कब्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री के चाबी दिए जाने के अगले दिन से ही प्रयास शुरू कर दिए थे। आवंटियों के बकाया अंशदान के लिए बैंकों से कम ब्याज पर ऋण दिए जाने की बात फाइनल हो गई है। आवंटियों की सुविधा के मुताबिक नया मुरादाबाद में पाकेट नंबर एक के आवंटियों के लिए इंडुस्लेंड और कैनरा बैंक को नामित किया गया है। नया मुरादाबाद पाकेट दो के पीएम आवास के लाभार्थियों के लिए एचडीएफसी बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और प्रथमा बैंक को नामित किया है। इसके अतिरिक्त शाहपुर तिगरी योजना के लाभार्थियों के लिए पंजाब नेशनल बैंक को नामित किया गया है। नामित बैंक प्रतिनिधियों से योजना में प्रधानमंत्री आवासों के पास 26 नवंबर से शिविर लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। सचिव ने बताया कि जिन लाभार्थियों को ऋण कराना है, वह अपनी-अपनी योजनाओं में जाकर शिविर का लाभ उठा सकते हैं। शिविर में उनके ऋण की औपचारिकता पूरी होने के बाद एमडीए का बकाया भुगतान करा दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें अपने आवास पर कब्जा मिल जाएगा। ऋण होने के बाद बकाया धनराशि की किस्तें लाभार्थियों को बैंक को देनी होंगी।
महायोजना की आपत्तियों की सुनवाई टली : एमडीए सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि गजरौला महायोजना-2031 (प्रारुप) के संबंध में लोगों की आपत्तियों की सुनवाई 27 नवंबर को होनी थी। यह सुनवाई फिलहाल स्थगित कर दी गई है। अब छह दिसंबर को पूर्व निर्धारित समय पर सुबह 11 बजे ही सुनवाई होगी। शेष सुनवाई की तिथियाें में कोई बदलाव नहीं होना है।